कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एक नए कानूनी पचड़े में फंस गई हैं। पंजाब के बठिंडा कोर्ट ने सोनिया गांधी समेत 11 अन्य नेताओं को समन जारी किया है। अदालत की तरफ से यह समन राज्य के मालवा में कांग्रेस भवन खोलने से जुड़े केस में दिया गया है।
खबर है कि पार्टी की बठिंडा इकाई की तरफ से मालवा के एक प्राइवेट क्लब में पार्टी का कार्यालय खोला गया था। इस मामले में सोनिया गांधी, पंजाब में पार्टी के नेता सुनील जाखड़ व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। आरोप है कि बठिंडा सिविल लाइंस क्लब से एक लाइब्रेरी को हटाकर कांग्रेस का क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने जहां पार्टी का दफ्तर खोला था वह बठिंडा का एलीट क्लब है। आरोप है कांग्रेस की तरफ से क्लब की जमीन हथिया ली गई। इस पर क्लब के सदस्यों ने कांग्रेस पार्टी से संपर्क किया। उन्होंने अपनी जमीन वापस लेने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि यहां एक लाइब्रेरी है जहां पर स्थानीय लोग आते है और किताबें व न्यूजपेपर पढ़ते हैं।
कांग्रेस की तरफ से किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होने पर क्लब के सदस्यों ने अदालत का रुख किया। बठिंडा निवासी जगजीत सिंह धालीवाल और शिवदेव सिंह ने कोर्ट में इस संबंध में केस दर्ज करवाया। मामले की सुनवाई करते हुए बठिंडा के सिविल जज, सीनियर डिविजन गुरप्रीत टिवाना ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष व अन्य नेताओं को अदालत में पेश होने का समन जारी किया है।
अदालत की तरफ से इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 6 सितंबर मुकर्रर की गई है। गुरुनानक हॉल एवं लाइब्रेरी के अध्यक्ष जेएस धालीवाल, सिविल लाइंस क्लब के अध्यक्ष शिवदेव सिंह और क्लब के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह सरां ने क्लब कैंपस में कांग्रेस का स्थानीय कार्यालय खोले जाने के खिलाफ अदालत में अपील की थी।
क्लब की तरफ वकील राव पीएस गिरवार ने यह जानकारी दी। आरोप है कि कांग्रेस के नेताओं ने क्लब के संविधान का उल्लंघन करते हुए संपत्ति हथियाने के लिए खुद को क्लब का पदाधिकारी नियुक्त कर लिया।