बरलेवी पंथ के मौलाना तौकीर रजा खान ने दावा किया है कि मुसलमान युवाओं को आतंकी घटनाओं में फंसाया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे का जवाब देने के लिए मौलाना ने अपने और देवबंदी पंथ को एक साथ आने का सुझाव दिया है। मौलाना ने कहा कि दोनों पंथों के लोगों को अपने-अपने विश्वास से डिगे बिना मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए।
खान ने कहा, “मैं किसी राजनैतिक मकसद से देवबंद नहीं गया था। मैं वहां मुसलमानों के सामने खड़ी समस्याओं पर चर्चा करने गया था ताकि दोनों पंथों के बीच एक न्यूनतम साझा एजेंडा तय हो सके और दोनों मिलकर मुसलमानों के बेहतरी के लिए काम कर सकें। हमें हाल में पता चला कि आरएसएस का एजेंडा है कि मुसलमानों को आपस में ही लड़ाया जाए। मुसलमान युवकों को आतंकी मामलों में फंसाया जा रहा है।”
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बरेलवी और देवबंदी के साथ काम करने पर जोर देते हुए खान ने कहा, “चूंकि हम देश से प्यार करते हैं और हम पर लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी है, इसलिए सभी मुसलमानों को संप्रदायों के मतभेद किनारे रखकर काम करने की जरूरत है।”
खान ने बताया कि उन्हें देवबंद के वरिष्ठ मौलवियों ने इस संबंध में आश्वासन दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रमज़ान के पाक़ महीने से पहले दोनों पंथों के नेता मिलकर एक न्यूनतम साझा एजेंडा बना लेंगे।
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दारूम उलूम देवबंद के कुलाधिसचिव मौलाना अबुल कसीम नोमानी ने कहा कि खान के प्रस्ताव को देवबंदी की सामाजिक संस्था जमायत उलेमा-ए-हिन्द के सामने रखा गया है, वही इस पर फैसला लेगी। हालांकि नोमानी ने कहा कि बेहतर होता अगर किसी एक शख्स की बजाय पूरा बरलेवी संप्रदाय इस दिशा में कदम बढ़ाता।