भारत के समुद्री कौशल में इजाफे के तहत नौसेना ने बुधवार को करीब 70 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली सतह से हवा में मार करने वाली बराक-8 मिसाइल का आईएनएस कोलकाता से सफल परीक्षण किया जिससे इस प्रणाली को देश की अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह मिसाइल भारत और इस्राइल ने संयुक्त रूप से विकसित की है।

नौसेना ने अपनी नव विकसित लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआर एसएएम) के पहले परीक्षण को अपनी हवाई युद्ध क्षमता की मजबूती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया। एक बयान में नौसेना ने कहा कि मिसाइल को आईएनएस कोलकाता के वेस्टर्न सीबोर्ड से दागा गया जिसने विस्तारित रेंज पर एक हवाई वस्तु पर सफलतापूर्वक निशाना साधा।

अरब सागर में चल रहे नौसेना के अभ्यासों के दौरान मंगलवार और बुधवार को उच्च गति वाले लक्ष्यों पर दो मिसाइलें दागी गईं। मिसाइल के अतिरिक्त, प्रणाली में मल्टी फंक्शनल सर्विलांस एंड थ्रेट अलर्ट रडार (एमएफ एसटीएआर) लगा है जो खोज और पता लगाने तथा मिसाइल के दिशा निर्देशन के लिए है।

एलआर-एसएएम का परीक्षण भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और इस्राइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने संयुक्त रूप से किया। इस्राइल निर्मित एमएफ-एसटीएआर रडार प्रणाली 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक समानांतर रूप से सैकड़ों हवाई लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है।