उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को बड़ी दुर्घटना हुई। त्रिवेदीगंज क्षेत्र स्थित पौराणिक औसानेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी थी, तभी मंदिर परिसर में अचानक भगदड़ मच गई। हादसे की वजह करंट को बताया गया है, जो टूटे बिजली के तार से टिन शेड में फैल गया था। इस घटना में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 29 लोग झुलसने और भगदड़ में घायल हो गए हैं। घायलों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक यह हादसा रविवार देर रात करीब 2 बजे जलाभिषेक के दौरान हुआ, जब मंदिर में दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि भीड़ नियंत्रित करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। तभी मंदिर के पास लगे पुराने बिजली के तार पर कुछ बंदर कूद पड़े, जिससे तार टूट गया और टिन शेड पर गिर गया। इसके बाद करंट पूरे शेड में फैल गया और वहां मौजूद श्रद्धालु उसकी चपेट में आ गए। करंट लगते ही अफरातफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।

घायलों को हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज के अस्पतालों में भर्ती कराया गया

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को तुरंत एंबुलेंस से हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से झुलसे हुए कुछ श्रद्धालुओं को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय स्वयं मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।

मनसा देवी से पहले इन जगहों पर भी मची है भगदड़, डरा रहा इस साल का आंकड़ा

डीएम ने बताया कि बंदरों की वजह से बिजली का तार टूटकर गिरा और इसी कारण हादसा हुआ। पूरे मंदिर परिसर की विद्युत व्यवस्था की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भी भगदड़ मची थी, जिसमें आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। सावन के इस पवित्र महीने में लगातार हो रहे ऐसे हादसों ने तीर्थ स्थलों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।