बांग्लादेश की आजादी में भारत के योगदान को वहां की शेख हसीना सरकार फिर से याद करने जा रही है। अगले महीने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जब भारत दौरे पर आएंगी तो वह बांग्लादेश की आजादी की जंग में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवार वालों को सम्मानित करेंगी। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी मुताबिक, शेख हसीना ऐसे प्रत्येक सैनिक के परिवार को 5 लाख रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र दे सकती हैं। इसके लिए दिल्ली में बांग्लादेश सरकार एक मेगा इवेंट आयोजित करेगी, इस इवेंट में पीएम नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। शेख हसीना अगले महीने अप्रैल 7 से 10 अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक हसीना दिल्ली में 8 अप्रैल को 7 ऐसे परिवारों को सम्मानित करेंगी। इनमें से 4 सैनिक आर्मी से एक एयर फोर्स, एक नेवी और एक बीएसएफ से जुड़े थे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश की आजादी के लिए पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत के 1661 सैनिक शहीद हुए थे। सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश सरकार प्रशस्ति पत्र तीन भाषाओं में देगी। शेख हसीना द्वारा इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत के बाद बांग्लादेश सरकार अपने मंत्रियों को बतौर प्रतिनिधि भारत भेजेगी। ये मंत्री पांच या 6 फेज में भारतीय सैनिकों के परिवार वालों को सम्मानित करेंगे। खबर के मुताबिक बांग्लादेश की सरकार ने इस काम के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आबंटित किया है। इससे पहले बांग्लादेश की सरकार भारत के राजनेताओं, पत्रकारों, सेना के जनरल, एक्टीविस्ट और डॉक्टरों को सम्मानित कर चुकी है। बांग्लादेश सरकार ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, और अटल बिहारी वाजपेयी को भी सम्मानित किया है।
एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश की आजादी के लिए शुरू हुए युद्ध के दौरान मार्च से लेकर दिसंबर 1971 तक 3 लाख से 30 लाख लोग मारे गये थे। इसमें हिन्दू, मुस्लिम, बंगाली और गैर बंगाली शामिल थे। पाकिस्तान की सरकार ने 1971 में ऑपरेशन सर्च लाइट लॉन्च कर पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशियों के सफाये का काम शुरु किया था, तब भारत की इंदिरा गांधी सरकार ने पाकिस्तान के आतंक का जवाब देने के लिए बांग्लादेशियों के समर्थन में मुक्ति वाहिनी सेना भेजी थी। 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान का वजूद खत्म हो गया और बांग्लादेश का जन्म हुआ था।