नेपाल में काठमांडू और अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। नेपाल के हालात पर कांग्रेस पार्टी के सांसद मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए यह सोचना कि बांग्लादेश में जो हुआ और अब नेपाल में हो रहा है, महज एक संयोग है, बेहद नासमझी होगी।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “क्या नेपोकिड्स स्वतःस्फूर्त था या प्रायोजित, जिसने बेरोजगारी और आय असमानता से जूझ रही। जेनजी पीढ़ी को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। एक सोशल मीडिया अभियान ने दक्षिण एशिया में एक बार फिर एक सरकार गिरा दी है। बांग्लादेश, अब नेपाल, अब अगला कौन।”

दक्षिण एशिया नाजुक दौर से गुजर रहा- कांग्रेस सांसद

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “दक्षिण एशिया एक बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। सभी दक्षिण एशियाई देशों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इस बात की तह तक जाने के लिए एक व्यवस्थित और उचित प्रयास किया जाना चाहिए कि नेपाल में यह अभियान क्या यह एक स्वत: स्फूर्त उभार था या अस्थिरता से फायदा उठाने वाले हितों द्वारा एक सुनियोजित अभियान था। इसलिए, यह सोचना कि बांग्लादेश में जो हुआ और अब नेपाल में हो रहा है, महज एक संयोग है, बेहद नासमझी होगी।”

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दक्षिण एशिया नाजुक दौर से गुजर रहा- मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने आगे कहा, “जुलाई 2024 में बांग्लादेश में जो हुआ, जिसके कारण शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा और वर्तमान में नेपाल में जो हो रहा है, जिसके कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्ता से बेदखल होना पड़ा, उनकी सरकार को इस्तीफा देना पड़ा और एक पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई, वह कोई संयोग नहीं है। युवाओं, खासकर बेरोजगारी और आय असमानता की मार झेल रहे युवाओं की जायज शिकायतों और आकांक्षाओं का, सत्ता परिवर्तन के लिए व्यवस्थित रूप से इस्तेमाल और हथियार बनाया जा रहा है। 2011 के अरब स्प्रिंग में ठीक यही हुआ था, जब मिस्र और ग्रेटर एशिया के कई अन्य देशों में। ट्यूनीशिया सहित मध्य पूर्व में, आपने जन दबाव के तहत सत्ता परिवर्तन होते देखे हैं। इसलिए, दक्षिण एशिया एक बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है।”

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