Nishikant Dubey Targeted Bangladesh: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में टूरिस्टों पर हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन सब के बीच, भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने बांग्लादेश की भी क्लास लगाई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘बांग्लादेश भी बड़ा छटपट कर रहा है, उसका भी गंगा नदी का पानी बंद करने का समय आ गया है, पानी पीकर जीएगा हमसे, गायेगा पाकिस्तान से।’
बीजेपी सासंद ने एक इंग्लिश वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘गंगाजल इन पापियो को?’। निशिकांत दुबे ने जिस बेवसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। उसके अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के एक कार्यकर्ता इजहार से मुलाकात की। यह मुलाकात पहलगाम हमले के बाद हुई। इससे भारत के खिलाफ चरमपंथ के लिए ढाका शासन के संभावित समर्थन के बारे में चिंताएं पैदा होती हैं। इजहार का बांग्लादेश से आतंकी हमलों की साजिश रचने का इतिहास रहा है। उसके हिफाजत-ए-इस्लाम से भी संबंध हैं।
गंगा जल संधि क्या है?
अब बांग्लादेश को पानी देने की बात की जाए तो गंगा नदी के पानी के बंटवारे को लेकर 1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच गंगाजल संधि हुई थी। यह संधि 30 साल के लिए हुई थी। इस संधि के तहत भारत और बांग्लादेश ने फरक्का बैराज में गंगा नदी के पानी को साझा करने पर सहमति जताई थी। ये बैराज 1975 में बनाया गया था। इस संधि के तहत भारत बैराज में भारत कितना पानी छोड़ेगा इसकी मात्रा तय की गई थी। हालांकि, अब बैराज में पानी की कमी हो रही है। इसकी वजह से बांग्लादेश को पानी की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश भारत पर बार-बार आरोप लगाता रहा है कि वह जानबूझकर बैराज से कम पानी छोड़ रहा है।
इस संधि को हम इस तरह भी समझने की कोशिश करते हैं कि अगर पानी की उपलब्धता 75,000 क्यूसेक बढ़ती है तो भारत के पास 40,000 क्यूसेक पानी लेने का पूरा राइट है। अगर फरक्का बैराज में 70,000 क्यूसेक से कम पानी है तो फिर बहाव को दोनों देशों के बीच बांटा जाएगा। जबकि अगर बहाव 70,000से 75,000 क्यूसेक तक रहता है तो फिर बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक पानी दे दिया जाएगा। इस समझौते की अवधि 30 साल की है। अब यह कुछ ही वक्त मे खत्म होने वाली है। हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे