राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) की मदद से स्थानीय पुलिस ने सोमवार को बंगलुरु में एक रेस्तरां के बाहर हुए विस्फोट की जांच शुरू कर दी। इस विस्फोट में प्रतिबंधित संगठन सिमी की भूमिका की भी जांच कर रही हैं। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। इस बीच कर्नाटक सरकार ने मॉल और सिनेमाघरों जैसी जगहों पर सुरक्षा मजबूत करने सहित विभिन्न कदमों का एलान किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विस्फोट में मारी गई एक महिला के परिजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो इस विस्फोट की जांच एनआइए को सौंपी जा सकती है। बंगलुरु विस्फोट के मामले पर गृह मंत्री ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की।
रिजिजू से जब यहां पर संवाददाताओं ने पूछा कि क्या विस्फोट में सिमी के लोगों का हाथ है तो उन्होंने कहा-‘यह एक संभावना है।’ उन्होंने कहा कि यह आतंकी हमला था। अपरिष्कृत विस्फोटक से हुए विस्फोट से जुड़े तमाम साक्ष्यों को इकट्ठा करने की कोशिश के बीच एनआइए ने नगर पुलिस को जांच में मदद करना शुरू कर दिया है। नगर पुलिस ने अपने जांच दल चेन्नई और पुणे भेजे हैं, जहां पहले इस तरह के बम विस्फोट हुए थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को यहां राज्य के गृहमंत्री केजे जार्ज और शीर्ष पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा हालात का जायजा लिया और सिनेमा हॉल, होटल, मॉल जैसी सैकड़ों लोगों के आवागमन से रूबरू होने वाली ‘संवेदनशील’ जगहों पर सीसीटीवी लगाने सहित सुरक्षा कड़ी करने की घोषणा की।
सिद्धारमैया ने कहा कि सिमी की संभावित भूमिका सहित तमाम पहलुओं की जांच की जा रही है। पत्रकारों से उन्होंने कहा-‘सिमी से जुड़े कुछ लोग मध्य प्रदेश की एक जेल से भागे थे और हमें सूचना है कि वे कर्नाटक आए थे। इसलिए पुलिस इस पहलू पर भी गौर करेगी। एनआइए और अन्य केंद्रीय एजंसियां वहां हैं। हम उनसे संपर्क रखेंगे और तमाम तरह की मदद चाहेंगे, लेकिन जांच उनके साथ तालमेल बनाते हुए हमारी पुलिस करेगी।’
नगर पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी ने कहा-‘हमें जो सीसीटीवी फुटेज मिली वह बहुत सीमित है। हमारे दल इसका अध्ययन कर रहे हैं। मुझे उसमें उपलब्ध सुरागों की जानकारी नहीं है। इसमें कुछ समय लग सकता है।’ उन्होंने मध्य प्रदेश की जेल से भागे सिमी कार्यकर्ताओं और उनके कर्नाटक पहुंचने संबंधी रिपोर्टों पर कहा-‘हम इस पर भी गौर कर रहे हैं।’
इस बीच एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में हिस्सा लेकर निकल रहे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उचित जांच के बाद ही यह पता लग सकेगा कि विस्फोट की प्रकृति क्या है और इसके पीछे कौन लोग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंगलुरु विस्फोट की जांच में कर्नाटक सरकार को हर संभव मदद करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से आइटी शहर के सभी प्रमुख इलाकों में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने को कहा। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से अपील की कि वे शहरों के प्रमुख इलाकों में ज्यादा से ज्यादा संभव संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाएं। केंद्र सरकार इस काम में राज्य सरकारों को सभी सहायता मुहैया कराने को तैयार है।
विस्फोट की जांच राष्ट्रीय जांच एजंसी को सौंपने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि जरूरी सूचनाएं इकट्ठा करने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा-‘अगर जरूरी हुआ तो हम एनआइए को जांच सौंपेंगे।
रिजिजू से जब पूछा गया कि इस विस्फोट के पीछे किसका हाथ हो सकता है, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बम रेस्तरां की चहारदीवारी से सटी ऐसी जगह लगाया गया था जहां पौधे उगाए जाते हैं। ऐसा लगता है कि जब अंधेरा हो गया तब बम लगाया गया होगा। सिद्धारमैया ने कहा कि आंध्र प्रदेश में लोक सुरक्षा प्रवर्तन अधिनियम है। हमारी पुलिस ने उस अधिनियम का अध्ययन किया है और हमारे राज्य में भी इस तरह के अधिनियम को लागूू करने के लिए एक मसौदा तैयार किया है। हमने लोक सुरक्षा प्रवर्तन अधिनियम पेश करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि एक बार अधिनियम लागू हो जाने पर इस तरह की सभी सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। सीसीटीवी लगाए जाएंगे और जन भागीदारी भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि हम खुफिया तंत्र के लिए एक अलग काडर सृजित करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि हम उसे पेशेवर बनाना चाहते हैं। साइबर सुरक्षा के बारे में सिद्धारमैया ने कहा-‘हम तकरीबन 40 इंजीनियर भर्ती करेंगे क्योंकि हमें तकनीकी सहायता की दरकार है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे घटना की जानकारी ली और हर संभव मदद का वादा किया। सिद्धारमैया ने कहा-‘हम उनके साथ लगातार संपर्क में हैं। आइबी दल आया, वे सूचना जमा कर रहे हैं।’
उन्होंने बताया कि हाल में आइएस समर्थक ट्विटर अकाउंट संचालक मेहदी मसरूर बिस्वास की गिरफ्तारी के बाद शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। हमने केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क कायम रखा।
पुलिस आयुक्त से जब इस विस्फोट का बिस्वास से कोई संबंध होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा-‘मेहदी एक आइएस प्रचारक है। आइएस विदेशी भूमि पर है और हमारे देश या राज्य में उसकी जड़ों की कोई सूचना नहीं है, लेकिन ऐसा भी कोई नियम नहीं है कि वे किसी एक समूह के साथ संबंध रख कर इस तरह का कृत्य करें, वे व्यक्तिगत रूप से भी कर सकते हैं। हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।’
बंगलुरु में हुए विस्फोट के एक दिन बाद यहां एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में हिस्सा लेकर निकल रहे राजनाथ सिंह ने कहा कि उचित जांच के बाद ही यह पता लग सकेगा कि विस्फोट की प्रकृति क्या है और इसके पीछे कौन लोग हो सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी और खुफिया ब्यूरो के निदेशक आसिफ इब्राहिम सहित शीर्ष अधिकारियों के साथ कर्नाटक और असम की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि दो केंद्रीय दलों को दिल्ली और हैदराबाद से बंगलुरु भेजा गया है। इनमें जांचकर्ता और विस्फोटक विशेषज्ञ शामिल हैं। इस बीच कानून मंत्री सदानंद गौड़ा और रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की और विस्फोट के बाद बंगलुरु शहर की स्थिति पर चर्चा की।