बलूचिस्‍तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को आश्‍चर्यजनक बताते हुए बलूच राष्‍ट्रवादी नेता अकबर बुगती के पोते ब्रहमदग बुगती ने कहा कि वे इससे उत्‍साहित हैं। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि भारत सरकार इस नीति को जारी रखेगी। बलूच रिपब्लिकन पार्टी के मुखिया बुगती ने बताया कि बलूच संघर्ष पर अगर बॉलीवुड फिल्‍म बनाता है तो अच्‍छा होगा। उन्‍होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अमिताभ बच्‍चन उनके दादा का किरदार निभाएं। गौरतलब है कि अकबर बुगती की 2006 में पाकिस्‍तान सेना के ऑपरेशन में हत्‍या करवा दी गई थी। वे सबसे बड़े बलूच नेताओं में से एक थे। उनकी हत्‍या के बाद उनके पोते ब्रहमदग अंतरराष्‍ट्रीय मोर्चों पर यह मुद्दा उठाते रहे हैं।

अकबर बुगती के मारे जाने के बाद वे बलूचिस्‍तान से अफगानिस्‍तान भाग गए थे। साल 2010 में वे स्विट्जरलैंड चले गए जहां अज्ञातवास में रह रहे हैं। बुगती ने बताया, ”मैं स्विट्जरलैंड में अपने घर पर था तब हमारी मीडिया विंग के एक साथी को प्रधानमंत्री की खबर नजर आई। उसने मुझे इस बारे में बताया। यह हमारे लिए उत्‍साहजनक है। साथ ही बलूच लोग जो लंबे समय से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं उनके लिए भी। मैं पीएम मोदी को धन्‍यवाद देता हूं और उम्‍मीद करता हूं कि भारत की यह नीति जारी रहेगी। भारत को मानवाधिकार उल्‍लंघन, बांग्‍लादेश की तरह पाकिस्‍तान सेना के चरणबद्ध नरसंहार का मुद्दा उठाना चाहिए। हर रोज हमें बलूच लोगों के मारे जाने की खबर मिलती है। क्‍वेटा में आपने देखा वकीलों की पूरी पीढ़ी को मार दिया गया। यह रूकना चाहिए।”

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बुगती ने कहा, ”इसके लिए मैं भारतीय सिनेमा से प्रार्थना करता हूं कि वे फिल्‍में बनाएं। इनमें अमिताभ बच्‍चन और शाहरुख खान जैसे सितारों का काम करना चाहिए। अमिताभ मेरे दादा का रोल निभा सकते हैं।” बुगती ने उन आरोपों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि भारत ने उन्‍हें स्विट्जरलैंड जाने के लिए पासपोर्ट देने में मदद की। भारत से संबंधों पर बुगती ने बताया कि उनके दादा ने उन्‍हें कहा था कि इंदिरा गांधी ने एक बार संसद में कहा था कि अगर बांग्‍लादेश की तरह की बलूचिस्‍तान में भी अत्‍याचार जारी रहे तो भारत दखल दे सकता है। मुझे उम्‍मीद है कि पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री के प्रतिबद्धता को निभाएंगे।”

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