ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे को तीन दिन बीत चुके हैं। अभी भी कितने लोग ऐसे हैं, जिनके अपने इस हादसे का शिकार हो गए और वे उनकी तलाश में भटक रहे हैं। कल बालासोर अस्पताल में भी हादसे के शिकार लोगों के रिश्तेदारों की भीड़ लगी रही।
अस्पताल में बनाई गईं हेल्प डेस्क
अस्पताल में पीड़ित परिवारों के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है, जहां पर हादसे के शिकार लोगों के रिश्तेदारों को जानकारी मुहैया करवाई जा रही है। हादसे में मरने वालों की तस्वीरें भी अस्पताल ने जारी की हैं ताकि उनके रिश्तेदार अपने प्रियजनों की पहचान कर सकें।हैदराबाद के मोहम्मद सरफराज अहमद अपनी सात साल की बेटी की तलाश में बालासोर अस्पताल पहुंचे। उनकी पत्नी शबाना और बेटी जाहिदा कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। सरफराज को अपनी पत्नी की लाश मिल गई, लेकिन बेटी की तलाश में वह एक डेस्क से दूसरे डेस्क चक्कर काटते नजर आए। उन्होंने बताया कि अस्पताल की तरफ से मृतकों की जो तस्वीरें लगाई गई हैं, उनमें उनकी बेटी नहीं है।
अपने 5 प्रियजनों की तलाश में झारखंड से पहुंचे लोग
उन्होंने कहा कि उनकी अपनी पत्नी से शुक्रवार शाम को साढ़े 5 बजे बात हुई थी। इसके डेढ़ घंटे बाद ही यह भीषण हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि उन्हें बालासोर अस्पताल में बेटी नहीं मिली है इसलिए बेटी की तलाश के लिए अब फिर से भुवनेश्वर जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी भुवनेश्वर अस्पताल में भर्ती हो सकती है। वहीं, झारखंड के डुमका जिले से भी कुछ लोग अपने प्रियजनों की तलाश में बालासोर अस्पताल पहुंचे। उनके पांच रिश्तेदार कोरोमंडल ट्रेन से यात्रा कर रहे थे और हादसे के बाद से उनका कोई पता नहीं है।
अस्पताल में भर्ती 27 का अभी भी चल रहा इलाज
प्रशासन के मुताबिक, बालासोर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हादसे के शिकार 22 यात्रियों की अभी तक मृत्यु हो चुकी है। हादसे के बाद 451 घायलों को अस्पताल लाया गया था, जिनमें से ज्यादातर की प्राइमरी केयर के दौरान ही मुत्यु हो गई थी। इस अस्पताल में भर्ती 294 घायलों में से ज्यादातर को डिस्चार्ज कर दिया गया है और 27 का अभी भी इलाज चल रहा है।
हादसे के शिकार लोगों की तलाश में घूम रहे लोगों के लिए भारतीय रेलवे और ओडिशा सरकार ने एक पहल के तहत ऑनलाइन लिंक जारी किए थे, जिस पर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती लोगों के नामों की लिस्ट और मरने वालों की तस्वीरें जारी की गई हैं। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर रेलवे ने पहले ही जारी कर दिया था। एक और हेल्पलाइन भी जारी की गई है, जिससे भुवनेश्वर के नगर आयुक्त से संपर्क किया जा सके। यहां से पीड़ित परिवारों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए वाहन की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। इस बीच, दुर्घटनास्थल पर पटरियों की सर्विस के बाद रविवार से ट्रेनों की आवाजाही फिर से शुरू कर दी गई है।