ओडिशा ट्रेन हादसे मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने शुक्रवार को तीन रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ इंजीनियर अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेकनीशियन पप्पू कुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।
गैर इरादतन हत्या का आरोप
तीनों अधिकारियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीनों अधिकारियों से अब सीबीआई पूछताछ करेगी।
जांच रिपोर्ट में पाई गई थी ये खामियां
बालासोर के पास 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना की रेलवे सुरक्षा आयोग की जांच में पाया गया था कि यदि चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं किया गया होता तो त्रासदी को टाला जा सकता था। इसमें पाया गया कि लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों को गलत तरीके से लगाया गया था और इसका वर्षों तक पता नहीं चला, जिससे इसके रखरखाव कार्य के दौरान गड़बड़ी हुई।
रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि जांच में पाया गया कि सिग्नलिंग मेंटेनर ने एक ‘रीकनेक्शन मेमो’ जारी किया था, जिसका अर्थ है कि रखरखाव कार्य पूरा होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम लाइव था। सूत्रों ने कहा कि ट्रेन को गुजरने की अनुमति देने से पहले सिग्नलिंग प्रणाली का परीक्षण करने के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
हालांकि मामले से जुड़े अधिकारियों के अनुसार रेलवे ने बालासोर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना पर सीआरएस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामले में चल रही सीबीआई की जांच पर कोई प्रभाव या हस्तक्षेप न हो।
292 यात्रियों की हुई थी मौके पर मौत
हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और कोरोमंडल एक्सप्रेस में कुल 2,296 यात्री यात्रा कर रहे थे। इस हादसे में कुल 292 यात्रियों की दर्दनाक मृत्यु हो गई है। डॉक्टरों ने 211 यात्रियों को घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया था। वहीं बाकी यात्रियों को अलग-अलग अस्पतालों इलाज के दौरान मृत घोषित किया गया।