रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की एक रिपोर्ट ने बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) के कारणों से जुड़ा एक बड़ा खुलासा करते हुए यह बताया है कि हादसा गलत सिग्नल दिए जाने के कारण हुआ है। 40 पेज की सीआरएस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि 2 जून को ट्रिपल-ट्रेन की टक्कर बहनागा बाजार स्टेशन पर किए गए सिग्नल-सर्किट में खामियों के कारण हुई, जिसके रहते कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नल मिला था।
क्या है रिपोर्ट में
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग थी जो कि सालों तक पकड़ में नहीं आई। उसके चलते ही मेंटेनेंस वर्क के दौरान गड़बड़ी हुई।
हादसे के लिए मुख्य तौर पर सिग्नलिंग डिपार्टमेंट जिम्मेदार पाया गया है। सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी का पता लगाने में विफल रहने के लिए स्टेशन मास्टर का नाम भी रिपोर्ट में लिखा गया है। सिग्नलिंग विभाग को मुख्य रूप से जिम्मेदार पाया गया है, स्टेशन मास्टर जो परिचालन विभाग का हिस्सा है का भी लापरवाही बरतने के लिए नाम सामने आया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि सीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक जो पिछले सप्ताह रेलवे बोर्ड को सौंपी गई थी, साइट पर सिग्नलिंग स्टाफ ने बताया कि हादसे वाले दिन लेवल क्रॉसिंग पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ रिप्लेस करते समय टर्मिनल पर गलत लेबलिंग के चलते गड़बड़ी हुई। उन्होंने बताया कि ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक तक ले जाने वाले पॉइंट के सर्किट को पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था।
2015 में पूरा वायरिंग डायग्राम कागज पर बदला गया था और अप्रूव भी किया गया था. ये टेक्नीशियंस को दिखाने के लिए किया गया कि मेंटेनेंस के बाद वायरिंग को कैसे जोड़ा जाता है. पता चला है कि लेबलिंग सिर्फ कागज पर बदली गई, फिजिकली नहीं। एक बार फिर से 2018 में लापरवाही बरती गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक गलत कदम था जिसके कारण गलत वायरिंग हुई और यह हादसा हुआ है।