IAF officer, military awardees: पाकिस्तान के साथ फरवरी में हुए हवाई संघर्ष में उड़ान नियंत्रक के तौर पर अहम भूमिका निभाने वाली और युद्ध सेवा पदक से सम्मानित महिला वायुसेना अधिकारी मिंटी अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि बालाकोट ऑपरेशन का हिस्सा होने के अनुभव की तुलना दुनिया में किसी चीज से नहीं की जा सकती। सैन्य सम्मान से नवाजे जाने पर अधिकारी ने कहा कि इस भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
मिंटी ने कहा, ‘‘26 और 27 फरवरी जैसे ऑपरेशन की वजह से ही हम इस वर्दी को पहनते हैं। यह मेरा सौभाग्य था कि मुझे इन ऑपरेशन का हिस्सा बनने का अवसर मिला। इस अनुभव की तुलना दुनिया में किसी चीज से नहीं की जा सकती।’’ स्क्वाड्रन लीडर अग्रवाल ने भारत की ओर से पाकिस्तान के भीतर बालाकोट हमले किए जाने के एक दिन बाद 27 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर की ओर बढ़ रहे पाकिस्तानी वायुसेना विमानों का पता लगने के बाद भारतीय वायुसेना टीमों को सतर्क किया था।
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अग्रवाल के इस कदम के कारण भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी हमले का तेजी से जवाब देने में मदद मिली। भारतीय वायुसेना को पांच युद्ध सेवा पदकों और सात वायुसेना पदकों समेत 13 पुरस्कार मिले हैं। अग्रवाल के अलावा, युध सेवा पदक विजेता एयर कमोडोर सुनील काशीनाथ विधाते, ग्रुप कैप्टन यशपाल सिंह नेगी, ग्रुप कैप्टन हेमंत कुमार और ग्रुप कैप्टन सेल जोसेफ सेकीरा को सम्मानित किया गया। कम से कम पांच IAF पायलट जो बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद शिविर पर हमला करने के मिशन का हिस्सा थे, सैन्य पुरस्कार पाने वालों में थे। वायु सेना पदक ग्रुप कैप्टन सौमित्र तामस्कर, विंग कमांडर प्रणव राज, विंग कमांडर अमित रंजन, एसके एलडीआर राहुल बसोया, एसके एलडीआर पंकज अरविंद भुजडे, एसके लेदर बी कार्तिक नारायण रेड्डी, एसके लद्र शशांक सिंह को दिए गए।

