भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने संसद में पीएम मोदी के ना आने पर बयान दिया। मंगलवार (22 नवंबर) को उन्होंने कहा, ‘जब छोटे बच्चे ही इनका जवाब दे सकते हैं तो डैडी को आने की क्या जरूरत है।’ गौरतलब है कि इस वक्त संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। दोनों ही सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन करने के फैसले का विरोध हो रहा है। दोनों सदनों में हो रहे हंगामे की वजह से रोज सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ता है। चार दिनों में कोई काम नहीं हुआ है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता पीएम मोदी को आकर नोटबंदी पर बोलने के लिए कह रहे हैं। राहुल गांधी ने पीएम के सदन में ना आने पर कई बार चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मोदी के पास रॉक शो में बोलने का तो वक्त है लेकिन संसद में नहीं। CPI(M) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि वह पीएम मोदी के खिलाफ अवमानना नोटिस भेजेंगे।
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ बोलना आजकल फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग पीएम की लोकप्रियता देखकर जलते हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए रैली की थी और नोटबंदी के फैसले को वापस लेने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया गया था। उसमें बताया गया था कि 500 और 1000 के नोट 30 दिसंबर 2016 के बाद से नहीं चला करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 500 रुपए के नए नोटों के आने की जानकारी भी दी गई थी। तब से ही बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। लोग अपने नोट बदलवाने के लिए बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
Jab chote bache hi inka jawab de sakte hai toh 'Daddy' ko aane ki kya zarurat hai?: Babul Supriyo on PM's absence in Parl. #demonetisation pic.twitter.com/1wec2ooqAU
— ANI (@ANI) November 22, 2016