अयोध्या में मंगलवार सुबह वैशाख शुक्ल द्वितीया और परशुराम जयंती के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर नया ध्वजदंड स्थापित किया गया। 42 फुट ऊंचे इस ध्वजदंड की स्थापना की प्रक्रिया सुबह 6:30 बजे शुरू हुई और लगभग 8 बजे तक पूरी कर ली गई। इसको स्थापित करने के दौरान कई वरिष्ठ इंजीनियर और मंदिर निर्माण में लगे शिल्पकार मौजूद रहे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का मुख्य शिखर और कलश सहित कुल ऊंचाई अब 200 फीट से भी अधिक हो चुकी है। यह ऐतिहासिक क्षण न केवल मंदिर निर्माण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी भावनात्मक गौरव का विषय बन गया है।

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15 अप्रैल को श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थित यात्री सुविधा केंद्र के पूर्वी प्रवेश द्वार पर संत तुलसीदास जी की प्रतिमा का विधिवत पूजन कर लोकार्पण किया गया। अब श्री राम लला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु, संत तुलसीदास जी की प्रतिमा के भी दर्शन कर सकेंगे। इससे एक दिन पहले, 14 अप्रैल को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश पूजन की विधि के साथ कलश स्थापित किया गया।

इससे पहले 2 अप्रैल को भारतीय परंपरा के अनुसार मंदिर परिसर के सातों शिखरों का सामूहिक पूजन और अभिषेक किया गया था। इस मौके पर न्यास के इंजीनियर्स, ट्रस्टी, मणिराम दास छावनी के पूज्य कमल नयन दास जी महाराज और इस्कॉन मंदिर पालघर के पूज्य गौरांग दास जी महाराज भी मौजूद रहे।