महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। उसके मकबरे को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, कई हिंदू संगठन ऐलान कर चुके हैं कि महाराष्ट्र की धरती पर औरंगजेब के मकबरे के लिए कोई जगह नहीं है। इस बीच अब यहां पर भारी पुलिस तैनात की जा सकती है। ऐसे इनपुट मिले हैं कि भीड़ औरंगजेब के मकबरे पर हमला कर सकती है, ऐसे में उस एक्शन को रोकने के लिए पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद है और प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है।

औरंगजेब के मकबरे पर सियासत

जानकारी के लिए बता दें कि औरंगजेब का मकबरा छत्रपति संभाजी नगर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है। अभी तक वहां जाने वाले रास्ते पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन मकबरे के पास या फिर वहां पर डायरेक्ट प्रवेश पर अभी के लिए रोक रहने वाली है। अगले आदेश तक कोई भी पर्यटक या शख्स उसके करीब नहीं जा पाएगा। खबर तो यह भी है कि हर वक्त अब औरंगजेब के मकबरे के बाहर छह पुलिसकर्मी पहरा देने वाले हैं, उनकी ड्यूटी उस जगह पर रहने वाली है।

सीएम फडणवीस ने क्या बोला

वैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ दिन पहले औरंगजेब के मकबरे के खिलाफ एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार भी चाहती है कि इस मकबरे को हटा दिया जाए, लेकिन कांग्रेस शासन के दौरान क्योंकि इस मकबरे को ASI को सौंप दिया गया था, ऐसे में उस वजह से अब कई कानूनी अड़चनें सामने आ रही हैं।

वैसे केंद्र सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने औरंगजेब के मकबरे हटाने वाली अपील को खारिज कर दिया है। वे जोर देकर कहते हैं कि जो भी ऐसी डिमांड कर रहे हैं, वे पूरी तरह गलत हैं और अतिवाद वाले विचार से प्रेरित हैं।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

वैसे औरंगजेब को लेकर सारी राजनीति छावा फिल्म आने के बाद से शुरू हुई है। वो फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर धुंआधार कमाई कर रही है, लेकिन उसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी नेता अबु आजमी एक बयान में मुगल शासक औरंगजेब की दिल खोलकर तारीफ कर चुके हैं, उसके बाद से ही औरंगजेब को लेकर विवाद बढ़ता गया है और अब बात उसके मकबरे तक आ चुकी है। वैसे जितना विवाद बढ़ रहा है, इतिहास के पन्ने टटोलने में रुचि भी उतनी ही बढ़ रही है, ऐसे में औरंगजेब से जुड़ा यह किस्सा जरूर पढ़ना चाहिए