Satish Jha , RITU SHARMA
मुंबई की तरह अब गुजरात में भी उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ हमले शुरु हो गए हैं। यह हमले एक घटना के बाद शुरु हुए हैं। दरअसल बीते हफ्ते बिहार के निवासी रविंद्र साहू नाम के एक व्यक्ति पर गुजरात के साबरकांठा में एक 14 माह की बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप लगे थे। इसके बाद ही जगह जगह उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ गुजरात में हमले शुरु हो गए। उत्तर भारतीयों के खिलाफ हमले गुजरात के 5 जिलों में ज्यादा दिखाई दिए। ये जिले हैं गांधीनगर, अहमदाबाद, पाटन, साबरकांठा और महसाणा। ऐसी खबरें आ रही हैं कि कई उत्तर भारतीयों ने इन हमलों के डर से गुजरात छोड़ भी दिया है। वहीं पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में 180 लोगों को हिरासत में लिया है।
डीजीपी शिवानंद झा का कहना है कि बलात्कार की घटना के बाद से एक विशेष समुदाय के लोग गुजरात में बाहर के लोगों को टारगेट कर रहे हैं। बता दें कि पीड़ित परिवार गुजरात के ठाकोर समुदाय से ताल्लुक रखता है, जिसके बाद हिंसा के ज्यादातर मामलों में ठाकोर समुदाय के लोगों का नाम सामने आया है। बता दें कि उत्तर भारतीयों पर हमले के आरोप कांग्रेस विधायक और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर पर लगे हैं। हालांकि अल्पेश ठाकोर ने इन आरोपों से इंकार किया है। हालांकि ठाकोर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने 72 घंटों में उनके समुदाय के ‘बेगुनाह’ लोगों के खिलाफ केस हटाने की मांग की है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अल्पेश ठाकोर ने कहा कि “हिंसा की इन घटनाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वह उनसे शांति की अपील करते हैं। इनमें हमारे समुदाय के और ठाकोर सेना के सदस्य भी हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमारी तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यह सिर्फ हमें और सेना को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य सिर्फ शांति और राज्य में रोजगार के मुद्दे पर है।” अल्पेश ठाकोर ने बातचीत में बताया कि उनका निशाना किसी विशेष समुदाय पर नहीं बल्कि सिर्फ राज्य सरकार और कंपनियों पर है। नियम होने के बावजूद 80 प्रतिशत कंपनियां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दे रही हैं। सरकार को इस नियम को लागू करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। बता दें कि गुजरात में हिंसा के मामलों में अभी तक पुलिस ने करीब 50 एफआईआर दर्ज की हैं और इन एफआईआर में करीब 500 लोगों के नाम शामिल हैं। ठाकोर सेना की बात करें तो इसके 32,000 सदस्य हैं, जिनमें से 22,000 अकेले अहमदाबाद में हैं।

