दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है, आतिशी 21 सितंबर को सीएम पद की शपथ ले लेंगी। अब शपथ ग्रहण समारोह तो शनिवार को होने वाला है, लेकिन उनकी कैबिनेट को लेकर पहले से ही जानकारी सामने आ गई है। इसके ऊपर अरविंद केजरीवाल क्या करने वाले हैं, यह भी सामने आ गया है। अगर 21 सितंबर को आतिशी सीएम पद की शपथ लेंगी तो अगले ही दिन केजरीवाल भी जनता की अदालत को संबोधित करने वाले हैं। इसे उनकी एक बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

दलित चेहरे को शामिल करने का कारण?

वैसे आम आदमी पार्टी की इस नई कैबिनेट में एक नए चेहरे को शामिल किया गया है, उस चेहरे का नाम है मुकेश अहलावत। उन्हें दलित कोटे से कैबिनेट में शामिल करने की बात आई है, उनके जरिए आतिशी सीधे-सीधे नॉर्थ ईस्ट दिल्ली को साधना चाहती हैं। पहले तो इस रेस में कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार का नाम भी चल रहा था, लेकिन समीकरण के लिहाज से अहलावत ने बाजी मार ली।

आतिशी को ‘भरत’ बताकर उनके सीएम पद को छोटा कर रहे पार्टी नेता

दलित सीटों पर आप का प्रदर्शन कैसा?

अब समझने वाली बात यह है कि दिल्ली का नॉर्थ ईस्ट इलाका दलित बाहुल्य माना जाता है। विधानसभा की 10 सीटें यहां से निकलती हैं, जहां पर 3 तो दलित समाज के लिए आरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 10 में से 9 सीटों पर आप ने जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिहाज से उसे झटका लगा। वो 10 में से सिर्फ 1 सीट पर लीड करती दिखी, इसी वजह से अब दलितों को साधने के लिए अहलावत का कार्ड खेला जा रहा है।

टीम आतिशी की, चेहरे केजरीवाल के

वैसे आतिशी के नए कैबिनेट की खास बात यह है कि यहां पर एक नया चेहरा जरूर रखा गया है, लेकिन केजरीवाल की कोर टीम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन को फिर कैबिनेट में जगह मिली है। यह बताने के लिए काफी है कि टीम नई है, लेकिन चेहरे कई पुराने शामिल किए गए हैं। वैसे यह मायने रखता है क्योंकि आतिशी को पहले ही बता दिया गया है कि वे सिर्फ विधानसभा चुनाव तक के लिए मुख्यमंत्री बनाई गई हैं।

क्या दिल्ली में चलेगी ‘डमी सरकार’?

इसके ऊपर आप के तमाम बड़े नेता भी कह रहे हैं कि आतिशी को सिर्फ एक भरत की भूमिका निभानी है, उन्हें तो एक अस्थाई सीएम के रूप में दिखाया जा रहा है। पार्टी का साफ संदेश है कि चेहरा अरविंद केजरीवाल ही रहने वाले हैं, सीएम कोई भी बन जाए, चुनाव में केजरीवाल के चेहरे पर ही वोट मांगे जाएंगे। ऐसे में बीजेपी तो आरोप लगा रही है कि दिल्ली में एक डमी सरकार चलने वाली है जहां पर कहने को सीएम आतिशी रहेंगी, लेकिन रिमोट कंट्रोल केजरीवाल के हाथ में होगा।