अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में हत्या कर दी गयी है। इस हत्या के बाद पूरे यूपी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है सरेआम हुई इस हत्या के बाद विपक्षी दल उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हुए इसे जंगलराज बता रहे हैं। अतीक अहमद ने पिछले दिनों अपनी जान को खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और सुरक्षा मांगी थी। तब कोर्ट ने यह कहकर इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था कि आपको हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए।
“माय लॉर्ड..मेरी जान दांव पर लगी है”
अतीक अहमद ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने उमेश पाल मामले में जांच के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज जेल में अपने तबादले को चुनौती भी दी थी। इस याचिका में अतीक की ओर से कहा गया था कि उन्हें जान का खतरा है, जांच के दौरान मजबूत सुरक्षा दी जाए, इंडिया टूडे कि खबर के मुताबिक अतीक अहमद ने कहा था “मेरी जान को खतरा है..एक सीधी और खुली धमकी है, योर लॉर्डशिप मुझे प्रोटेक्ट करें, मेरी जिंदगी दांव पर लगी है”
अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पुलिस को आदेश दिया जाए कि उनकी कड़ी सुरक्षा के बीच पूछताछ हो और साबरमती जेल से कहीं और ना ले जाया जाए।
इस याचिका में यह भी कहा गया था कि अगर उत्तर प्रदेश ले जाया जाना इतना ही जरूरी है तो केंद्रीय सुरक्षा बल प्रदान किए जाएं और उनके वकील साथ रहें।
कोर्ट ने कहा “स्टेट मशीनरी आपका ख्याल रखेगी”
CJI डी वाई चंद्रचूड़ के सामने इस मामले को पेश किया गया था और तत्काल लिस्टिंग की मांग की गयी थी। पहले यह मामला 17 मार्च को अजय जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ के सामने पेश किया गया था। लेकिन अतीक अहमद के वकील की ओर से हुई देरी के बाद मामले को आगे बढ़ाया गया था। कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी कि तत्काल सुनवाई के अनुरोध के बाद वक्त आगे बढ़ाया जा रहा है।
इसके बाद मामला 28 मार्च को लिस्ट किया गया था जहां अतीक अहमद की ओर से कहा गया था कि “योर लॉर्डशिप मुझे प्रोटेक्ट करें, मेरी जिंदगी दांव पर लगी है”
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतीक अहमद के वकील को अपनी याचिका वापस लेने की छूट देते हुए टिप्पणी की, “यह इस अदालत का मामला नहीं है। उच्च न्यायालय में जाएं। स्टेट मशीनरी आपकी देखभाल करेगी।”