Atal Bihari Vajpayee RIP (अटल बिहारी वाजपेयी अंतिम संस्कार): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार (17 अगस्त) को भारत रत्न और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के पंचतत्व में विलीन होने पर उनके प्रति संवेदना प्रकट की। राष्ट्रपति ने कहा, “उन्होंने (अटल) अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। मैं उन्हें देश की ओर से श्रद्धांजलि देता हूं।” वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें कमाल की शख्सियत बताया। पीएम ने कहा कि अटल जी, देश के लोगों के दिलो-दिमाग में हमेशा जिएंगे।
उधर, वाजपेयी के निधन को लेकर सात दिनों का राजकीय शोक घोषित हुआ है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शनिवार (18 अगस्त) को इस कारण ‘चेंज ऑफ गार्ड’ की सेरेमनी नहीं होगी। शुक्रवार (17 अगस्त) को राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी।
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Highlights
वाजपेयी के सम्मान में उनकी अस्थियां उत्तर प्रदेश की सभी नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। गंगा, यमुना और ताप्ती सरीखी नदियां इनमें शामिल हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (17 अगस्त) को कहा है कि यूपी अटल जी की कर्मभूमि रहा है। उनका इससे गरहा जुड़ाव था, लिहाजा यहां के सभी जनपदों की नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा, "अटल जी, आप हर भारतीय के दिल और दिमाग में जिएंगे। देश के लिए जो आपने महान योगदान दिया, उसे शब्द कभी भी बयां नहीं कर सकेंगे।"
पीएम मोदी के मुताबिक, देश उन्हें (वाजपेयी) सलाम करता है। शुक्रवार शाम किए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "देश के कोने-कोने से, समाज के हर तबके से लोग अटल जी को श्रद्धांजलि देने आए। वह कमाल की शख्सियत थे, जिन्होंने देश के लिए बेहतरीन योगदान दिया।"
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बेटी नमिता भट्टाचार्य ने आज (17 अगस्त) मुखाग्नि दी। दिल्ली के स्मृति स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान पूर्व पीएम की नातिन निहारिका भी मौजूद रहीं।
पूर्व पीएम की अंतिम यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी तकरीबन पांच किलोमीटर पैदल चले। उनके साथ उस दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के अन्य बड़े नेता मौजूद थे।
अंतिम विदाई के दौरान प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, तीनों सेनाओं के मुखियाओं के अलावा कई विदेशी नेताओं ने भी पूर्व पीएम को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उनके पार्थिव शरीर को जिस राष्ट्रीय ध्वज में लपेट कर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, वह अंतिम विदाई की रस्म के बीच निहारिका को सौंपा गया।
जब शव पहुंचा, उस समय मोदी, शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गेट के पास मौन खड़े थे। इन नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर को वाजपेयी जी की मुस्कुराती हुई तस्वीर के सामने रखा गया था। तस्वीर के हर तरफ पार्टी का झंडा रखा हुआ था।
वाजपेयी के आवास से सुबह नौ बजे जब भाजपा मुख्यालय के लिए उनका पार्थिव शरीर रवाना हुआ, तो देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग 'जब तक सूरज चांद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा', 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाते देखे गए। पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास से फूलों से सजे सेना के एक ट्रक से भाजपा मुख्यालय तक लाया गया।
पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को जिस राष्ट्रीय ध्वज में लपेट कर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, वह अंतिम विदाई की रस्म के दौरान उनकी नातिन निहारिका को सौंपा गया है।
बीजेपी मुख्यालय में पूर्व पीएम के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बाद भूटान के नरेश ने स्मृति स्थल पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएल्ला ने भी स्मृति स्थल पहुंच कर अटल जी को श्रद्धांजलि दी।
उप राष्ट्रपति एम.वैंकेया नायडू, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ बीजेपी नेता एलके अडवाणी व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी स्मृति स्थल पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को आखिरी विदाई दी।
वाजपेयी की अंतिम यात्रा इससे पहले पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, दिल्ली गेट, नेताजी सुभाष मार्ग और शांति वन होते हुए राष्ट्रीय स्मृति समाधि स्थल पहुंची। उससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय में शुक्रवार को अटल के अंतिम दर्शन के लिए विशिष्ट जनों और आम जनता का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता एल. के. आडवाणी और माकपा नेता सीताराम येचुरी सहित कई नेताओं और हजारों लोगों ने दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
Army Chief General Bipin Rawat, Navy Chief Admiral Sunil Lanba & Air Chief Marshal Birender Singh Dhanoa, pay last tribute to former PM #AtalBihariVajpayee at Smriti Sthal in Delhi pic.twitter.com/oDq4kzHl4V— ANI (@ANI) August 17, 2018
"1957 में अटल जी पहली बार लोकसभा सांसद का चुनाव जीते थे लेकिन उन्होंने 1953 में पहला चुनाव लड़ा था। 1953 के चुनाव की कई कहानियां हैं। उनमें से एक यह भी है कि कैसे हार के बाद अटल जी ने किस तरह की प्रतिक्रिया दी थी। यह बात मेरे पिता जी ने 1984 में बताई थी। उन्होंने बताया कि जब शाम में 1953 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो अटल जी सिर्फ चुनाव ही नहीं हारे थे, वे तीसरे नंबर पर थे। और 1953 की उस निर्णायक शाम के बाद वे साइकिल से सिनेमा हॉल चले गए।”
मॉरीशस सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के चलते अपना राष्ट्रीय ध्वज और भारत का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाकर फहराने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। अपने एक ट्वीट में रवीश कुमार ने लिखा है कि “हमारे दुख में शरीक होते हुए, एक अभूतपूर्व प्रतीकात्मकता दिखाते हुए, मॉरीशस की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के कारण अपनी सरकारी बिल्डिंगों पर आज राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाकर फहराने का फैसला किया है।” पढ़ें पूरी खबर
पार्टी मुख्यालय से स्मृति स्थल तक उनकी अंतिम यात्रा अपराह्न् 1 बजे शुरू होनी थी लेकिन हजारों समर्थक और प्रशंसक अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए 6-ए दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर इकट्ठा हो गए जिस वजह से यात्रा में एक घंटे की देरी हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके घर से फूलों से सजे सैन्य वाहन से पार्टी मुख्यालय लाया गया था।
जैसे ही वाजपेयी का पार्थिव शरीर पार्टी मुख्यालय पहुंचा, लोग भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही पार्टी कार्यालय के बाहर जुटने लगे थे। भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक कि दार्जिलिंग की एक महिला पार्टी कार्यालय के अंदर पहुंचने के लिए गेट से कूद गई।
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा बीजेपी मुख्यालय से रवाना हो चुकी है। उनका पार्थिव शरीर राष्ट्रीय स्मृति स्थल ले जाया जा रहा है जहां शाम 4 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेता अंतिम यात्रा में मौजूद हैं।
बीजेपी मुख्यालय पर मुलायम सिंह यादव ने पहुंचकर पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी। वहीं, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएला भी शुक्रवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं। वह भारतीय पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में शरीक होंगे।
वाजपेयी के सहायक रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने उनके निधन को लेकर शुक्रवार को कहा कि वह बेहद सरल इंसान थे। हर किसी से इज्जत से पेश आते थे। पूछा जाता था कि संवैधानिक दायरे में रह कर कैसे कश्मीर का मसला हल करेंगे? जवाब में वह कहते थे- इंसानियत से। यही वजह है कि उन्होंने कश्मीरियों का दिल जीता था।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक भी शुक्रवार को बीजेपी मुख्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। दोनों के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे।
अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय में एंट्री बंद। थोड़ी देर में बस निकलने वाली है पूर्व पीएम की अंतिम यात्रा। शाम चार बजे स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीएम मोदी इस बीच दोबारा पार्टी मुख्यालय पहुंचे हैं।
दक्षिण भारत के बड़े राजनीतिज्ञों को साधने में भी अटल बिहारी वाजपेयी की कोई सानी नहीं थी। आंध्र प्रदेश की आधारभूत संरचनाओं का विकास हो या फिर यहां एनएच-5 (अब एन-16 के नाम से जाना जाता है) के विस्तार में उनका योगदान। समूचा दक्षिण भारत आज उनके योगदानों को याद कर रहा है और उनके सदा के लिए चले जाने से शोकाकुल है। अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती दक्षिण भारत के सभी बड़े नेताओं से थी। दक्षिण की फिल्मों के सुपरस्टार रहे राजा उप्पालापटी चिन्ना वेंकट कृष्णम राजू (Raja Uppalapati Chinna Venkata Krishnam Raju) अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। यू. वी. कृष्णम राजू फिल्म बाहुबली के अभिनेता प्रभाष के चाचा भी हैं। पढ़ें पूरी खबर
वह (अटल बिहारी वाजपेयी) एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है और यह भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है। मैं उनके जैसे बेहतरीन आदमी को अपना सम्मान देना चाहता हूंः भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त
सुपरस्टार शाहरुख खान ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने अपने बचपन का एक हिस्सा खो दिया है। वाजपेयी ने गुरुवार को एम्स में अंतिम सांस ली। वाजपेयी के निधन पर शाहरुख ने भावुक ट्वीट करते हुए कहा,"दिल्ली में वाजपेयी के भाषणों में मेरे पिता मुझे अक्सर ले जाते थे।" उन्होंने कहा, "काफी समय बाद मुझे उनसे मिलने का मौका भी मिला। हमने बहुत समय कविताओं, फिल्मों, राजनीति पर चर्चा की। मुझे उनके कविताओं में से एक कविात को पर्दे पर उच्चारित करने का मौका भी मिला।" उन्होंने बताया, "आज देश ने एक पिता समान शख्स और एक महान नेता खो दिया है। निजी तौर पर मैंने अपने बचपन का एक हिस्सा खो दिया है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और करीबी लोगों के प्रति है।"
अमिताभ ने कहा कि उनके पिता वाजपेयी को तब से जानते थे, जब वह (वाजपेयी) छात्र थे। वह वाजपेयी की वाक शैली और सज्जनता से बेहद प्रभावित थे। अभिनेता ने कहा, 'उनकी भाषण कला बेजोड़ थीं और शब्दों का उपयोग शानदार था। वे उच्चारण की प्रतिभा से भरे हुए थे। शब्द की प्रस्तुति इसका अर्थ देने के लिए पर्याप्त थी.. किसी को भाषा को समझने की आवश्यकता नहीं थी, वह उनकी प्रतिभा थी। संसद के सदनों में दिए गए उनके कुछ सार्वजनिक भाषण इसकी गवाही हैं।' अमिताभ (75) ने लिखा, 'एक कवि, एक लेखक, एक राजनेता, एक प्रधान मंत्री .. एक अत्यंत बिरले शख्सियत।' अभिनेता ने इस बात का भी जिक्र किया कि उनके जन्मदिन पर वाजपेयी उन्हें फोन कर शुभकामनाएं देते थे और वह पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर फोन कर उन्हें शुभकामनाएं देते थे।
महानायक अमिताभ बच्चन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि एक कवि, एक लेखक, एक प्रबुद्ध मन और दयालु शख्स इस दुनिया से रुखसत हो गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से पूरा राष्ट्र शोकाकुल है। दिवंगत कवि हरिवंश राय बच्चन के बेटे अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, "वह मेरे पिता और उनके कामों के प्रशंसक थे और ऐसे कई अवसर रहे, जब मैं दोनों की मुलाकात के दौरान मौजूद रहा।"
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नगग्येल वांगचुक, नेपाल के विदेश मंत्री पीके ग्यावल, श्रीलंका के कार्यवाह विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर आज दिल्ली जाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से देशभर में लोक की लहर है। राजनीतिक जगत से लेकर अन्य क्षेत्र की मशहूर हस्तियां उन्हें अनोखे ढंग से याद कर श्रद्धांजलि दे रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे संस्मरण में बताया है कि वैचारिक विरोधी रहे वाजपेयी जी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरु किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखा था और भरोसा दिलाया था कि देश की अर्थव्यवस्था 6 फीसदी की वार्षिक दर से आगे बढ़ती रहेगी। पढ़ें यह किस्सा
अटल जी का पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय में रखा गया है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। बीजेपी नेताओं के श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद आम जनता वाजपेयी के अंतिम दर्शन कर सकेगी। पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा दोपहर 1 बजे से निकलेगी।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार समारोह के मद्देनजर शहर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। वाजपेयी का अंतिम संस्कार स्मृति स्थल पर किया जाएगा। भाजपा के संस्थापक सदस्य वाजेपयी जी का निधन गुरुवार को नई दिल्ली में एम्स में हुआ था। पुलिस के अनुसार, "हमने अंतिम यात्रा और संस्कार के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं।" पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) मधुर वर्मा ने कहा, "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो लोग भी यहां उनके अंतिम दर्शन के लिए आएं, उन्हें और यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।"
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली सहित नेपाल के शीर्ष नेतृत्व ने भी दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नेपाल-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अपने शोक संदेश में ओली ने कहा, "मुझे यह जानकार बड़ा झटका लगा है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नई दिल्ली में निधन हो गया। मैं नेपाल सरकार, नेपाल के लोगों और अपनी ओर से वाजपेयी के निधन पर संवेदना व्यक्त करता हूं।" ओली ने कहा कि भारत और दुनिया ने एक विशाल राजनीतिक हस्ती और नेपाल ने एक सच्चा मित्र और शुभचिंतक खो दिया है। नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
श्री अटलजी का जाना हम सबके मन में एक रिक्तता छोड़ गया है, जिसकी पूर्ति असंभव है। उनके जैसे व्यक्ति बार-बार नहीं मिलते। युगों में, करोड़ों में, एक होते हैं। अपने युग की छाप छोड़कर अटलजी ने अपना जन्मकार्य समाप्त किया। अब उनके द्वारा स्थापित आचरण की मर्यादा ही हमारे लिए उनका कीर्तित्त्व बनकर रहेगी। अटलजी नहीं रहे. अटलजी अमर हैं। : मोहन भागवत, आरएसएस प्रमुख
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंच चुके हैं। वाजपेयी की शव यात्रा दोपहर एक बजे निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार शाम चार बजे स्मृति स्थल पर किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत, प्रसिद्ध गीतकार व लेखक जावेद अख्तर और उनकी पत्नी शबाना आजमी ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी शव यात्रा दोपहर एक बजे निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार शाम चार बजे स्मृति स्थल पर किया जाएगा।