भगवान शिव के 11 ज्योतिर्लिंगों में एक काशी विश्वनाथ में अब ड्रेस कोड लागू कर दिया है। मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वे विदेशी महिला श्रद्धालुओं पर नजर और रखें और बिना साड़ी पहने उन्हें मंदिर में प्रवेश न करने दें। प्रबंधन ने मंदिर के दो प्रवेश द्वारों पर चेंजिंग रूम बनाए हैं, जहां पर साड़ी भी रखी गई हैं। फिलहाल, 25 साड़ी प्रबंधन ने खुद उप्लब्ध कराई हैं, जिन्हें पहनकर श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकते हैं। काशी में हर रोज 60,000 श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं, इनमें से करीब 3000 विदेशी होती हैं।
हालांकि, प्रबंधन ने यह साफ नहीं किया है कि यह नियम भारतीय श्रद्धालुओं के लिए भी लागू किया गया या नहीं? क्योंकि प्रबंधन के निर्देश में सिर्फ महिला श्रद्धालुओं का कही जिक्र है। काशी में काफी समय से विदेशी महिलाओं के कपड़ों को लेकर चर्चा हो रही थी। स्थानीय संगठन इसे भारतीय संस्कृति के हिसाब से गलत बता रहे थे। इसके बाद शनिवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने मंदिर परिसर का जायजा लिया और मंदिर प्रबंधन ने ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा कर दी।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीएन दि्वेदी ने बताया कि मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन के दौरान विदेशी महिलाएं कम कपड़ों में जाती थीं। इसी पर लोगों को ऐतराज था। मंदिर परिसर के काउंटर के पास भी साड़ियों का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा जो भारतीय श्रद्धालु आरती के दौरान हाफ पैंट पहनकर पहुंच जाते हैं, उन पर भी रोक लग सकती है। बेल्ट लगाकर मंदिर में आना पहले से ही बैन है।
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