खगोलविदों ने पता लगाया है कि शनि ग्रह के एक चंद्रमा पर फास्फोरस पाया जाता है, जो पृथ्वी पर जीवन की मौजूदगी के लिए एक अहम तत्त्व है। शनि ग्रह के बर्फीले चांद एंसलेडस पर यह तत्व पाया गया है।

वैज्ञानिकों ने नासा के अंतरिक्ष यान कैसिनी द्वारा भेजे गये आंकड़ों के अध्ययन से यह खोज की है। कैसिनी शनि का चक्कर लगाने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। उसने 2004 से 2017 के बीच 13 साल तक शनि के वातावरण के बारे में जानकारियां भेजी थीं।

ताजा अध्ययन के निष्कर्ष प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुए हैं। जर्मनी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने यह अध्ययन किया। कैसिनी अभियान को अंजाम देने वाली जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री (जेपीएल) ने हाल ही में इस खोज की घोषणा की। इसी टीम ने कुछ समय पहले यह भी खोज की थी कि एंसलेडस की बर्फ में खनिजों और जटिल आर्गेनिक यौगिकों जैसे कि अमीनो एसिड के तत्व मौजूद हैं। ये सभी खोजें जीवन पनपने की अनुकूल परिस्थितियों की ओर इशारा करती हैं।

जीवन के लिए छह रासायनिक तत्वों को आवश्यक माना जाता है। ये हैं- कार्बन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर और फास्फोरस। इनमें से फास्फोरस की उपलब्धता सबसे कम है। इससे पहले के अभियानों में एंसलेडस पर बाकी पांच तत्व मिल चुके थे लेकिन फास्फोरस नहीं मिला था।पीएल की ओर से जारी एक बयान में मुख्य शोधकर्ता, बर्लिन की फ्री यूनिवर्सिटी के फ्रांक पोस्टबर्ग ने कहा, यह पहली बार है जबकि पृथ्वी के अतिरिक्त किसी जगह पर जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण यह तत्व पाया गया है।

फास्फोरस डीएनए की संरचना की मूलभूत जरूरत है। यह कोशिकाओं और ऊर्जा को इधर से उधर ले जाने वाले मालीक्यूल्स का अहम हिस्सा होता है। पृथ्वी पर मौजूद हर जीवित चीज में फास्फोरस मौजूद है। ताजा अध्ययन कैसिनी के जिन आंकड़ों पर आधारित है, वे उसने एंसलेडस के दक्षिणी ध्रुव से उड़ने वाले बर्फीले कणों के अध्ययन के दौरान जुटाए थे। कैसिनी शनि के मद्धम से छल्ले के बर्फीले कणों के बीच से भी गुजरा था। इस दौरान उसने एंसलेडस पर महासागरों की खोज की।

एंसलेडस पृथ्वी के चंद्रमा का लगभग सातवां हिस्सा ही है। शनि के ज्ञान 146 उपग्रहों में से यह छठा सबसे बड़ा है और इसे वैज्ञानिक पृथ्वी के बाद सौरमंडल में जीवन के लिए परिस्थितियों के लिहाज से सबसे अनुकूल जगह मानते हैं। दूसरी जगह बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा है, जिसकी बर्फीली सतह के नीचे पानी का महासागर होने का अनुमान है।

एंसलेडस पर फास्फोरस मिलने की अहमियत यह भी है कि पृथ्वी के महासागरों की तुलना में यह सौ गुना अधिक मात्रा में उपलब्ध है। शोधकर्ताओं में से एक क्रिस्टोफर ग्लेन कहते हैं कि यह एस्ट्रोबायोलाजी के लिए एक हैरतअंगेज खोज है। टेक्सस के साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में पढ़ाने वाले ग्लेन ने कहा, संभव है कि यह अहम तत्व इतनी मात्रा में उपलब्ध हो कि एंकेलाडस के महासागर में जीवन पनपने में सहायक हो सके।

वैज्ञानिक इस बात को जोर देकर कहते हैं कि पानी, जटिल यौगिक और फास्फोरस जैसे तत्वों की मौजूदगी सिर्फ इतना बताती है कि एंसलेडस पर जीवन पनपने लायक हालत हैं। इससे यह पता नहीं चलता कि वहां जीवन मौजूदा है। ग्लेन कहते हैं, एंसलेडस के महासागर में जीवन पनपा या नहीं, अभी यह एक अनसुलझी पहेली है।