अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों की तरफ से हिंदु-हिंदुत्व का मुद्दा भी काफी जोरशोर उठाया जा रहा है। जहां कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हिंदू और हिंदुत्व के मुद्दे पर लगातार बयान दे रहे हैं तो वहीं भाजपा राहुल गांधी के बयानों पर कांग्रेस को घेरने में लगी है।
इस मुद्दे पर निजी न्यूज चैनल आजतक पर हुई एक डिबेट में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जब एंकर अर्पिता आर्या ने धर्म की राजनीति पर भाजपा प्रवक्ता से सवाल किया तो जवाब में उन्होंने जो कहा उस पर ऑडियंस हंसने लगी। दरअसल इस डिबेट में भाजपा, आप और कांग्रेस के नेता मौजूद थे। एंकर ने सवाल किया कि क्या आप हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरेंगे, क्या यह चुनावी एजेंडा है?
‘भाजपा धर्म पर राजनीति नहीं करती’: इस पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने धर्म के आधार पर कभी राजनीति नहीं की है। इसे सुनते ही ऑडियंस हंसने लगी। हालांकि भाजपा नेता ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि हिंदुत्व कोई धर्म नहीं है। इसकी व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने भी की है कि यह जीवन जीने की पद्धति है। इसे व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखे जाने की जरूरत है।
इसपर एंकर ने कहा कि जरा आप परिप्रेक्ष्य समझाइए? राहुल गांधी जो हिंदुत्व समझा रहे वो हिंदुत्व है या धर्म संसद में जो चल रहा है, या फिर भाजपा का हिंदुत्व क्या है।
कांग्रेस पर आरोप: भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी सांप्रदायिकता के आधार पर हिंदुत्व को नहीं देखती। जिस तरह से कांग्रेस ने लगातार कई सालों से तुष्टीकरण की राजनीति करती रही है और वो जिस तरह से एक संप्रदाय विशेष को लेकर राजनीति करती रही, वो भाजपा का हिंदुत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान है, अगर यहां हिंदुत्व का मुद्दा नहीं रहेगा तो फिर कहां रहेगा?
हिंदू और हिंदुत्व का मामला: बता दें कि हिंदू और हिंदुत्व का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के कोर एजेंडे में शामिल रहा है। वहीं इससे अलग दूसरे राजनीतिक दल मुस्लिम और अन्य धर्मों के मतदाताओं को लुभाने के लिए हमेशा से हिंदू और हिंदुत्व का जिक्र करने से किनारा करते रहे हैं।
इस बीच हिंदुत्व पर राहुल गांधी का एक बयान काफी सुर्खियों में है। दरअसल 12 दिसंबर 2021 को जयपुर में उन्होंने कहा था, “दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, उसी तरह दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। हर शब्द का अलग मतलब होता है। देश की राजनीति में आज दो शब्दों की टक्कर है। एक शब्द हिंदू, दूसरा शब्द हिंदुत्ववादी है। दोनों एक चीज नहीं हैं। मैं हिंदू हूं, मगर हिंदुत्ववादी नहीं हूं।’
राहुल गांधी की इस परिभाषा से जहां भाजपा को मौका मिला तो वहीं उत्तराखंड में 17 से 19 दिसंबर को हुए धर्म संसद में मुसलमानों के प्रति विवादित भाषण पर भाजपा की चुप्पी से कांग्रेस को पलटवार करने का मौका मिल गया है।