असम के कोकराझार जिले में उग्रवादी संगठन एनडीएफबी (एस) के हमले में बीते मंगलवार को आदिवासियों की हत्या के बाद गुरुवार सुबह हिंसा की ताजा घटनाओं की खबर है। अब तक की हिंसा में मरने वालों की संख्या 78 हो गई है। सोनितपुर और कोकराझार जिलों का दौरा करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनडीएफबी (एस) के हमलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) करेगी और उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो सेना असम सरकार की मदद करेगी।

असम में बोडो उग्रवादियों के हमले और आदिवासियों की जवाबी कार्रवाई में मृतकों की संख्या 78 पहुंच गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा की ताजा घटना गुरुवार सुबह कोकराझार के गोसाईंगांव में घटी जहां आदिवासियों ने बोडो समुदाय के लोगों के बहुत से घर जला दिए। इससे पहले मंगलवार को उग्रवादियों ने हमलों में लोगों को मार दिया था। पूरे जिले में बेमियादी कर्फ्यू होने के बावजूद दूसरे दिन भी जनसंहार जारी रहा।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को उग्रवादियों के हमले में कुल 71 लोग मारे गए थे। इनमें 43 सोनितपुर में, 25 कोकराझार में और तीन चिरांग जिले के थे। प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को छह और शव बरामद किए गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। सोनितपुर और चिरांग जिलों के प्रभावित इलाकों व धुबरी और बक्सा जिलों के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित सोनितपुर का दौरा किया और बोडो उग्रवादियों की हिंसा के बाद के हालात का जायजा लिया। उन्होंने घोषणा की कि इस तरह के आतंक के लिए केंद्र की ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति’ के तहत एनडीएफबी (एस) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संगठन के खिलाफ अभियानों के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि संगठन के खिलाफ निश्चित रूप से अभियान शुरू किए जाएंगे लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि कब।

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पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को उग्रवादियों के हमले में कुल 71 लोग मारे गए थे। इनमें 43 सोनितपुर में, 25 कोकराझार में और तीन चिरांग जिले के थे।

 

 

सिंह ने कहा कि हम इसे सिर्फ एक साधारण चरमपंथी घटना के तौर पर नहीं देख सकते। यह आतंक की घटना है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारें आतंकवाद से उसी तरह निपटेंगी जैसे उससे निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। हमने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां पहले ही असम भेज चुका है। उन्होंने इस संगठन के साथ बातचीत की संभावना को खारिज किया।

गृह मंत्री के दौरे में उनके साथ आदिवासी कार्य मंत्री जुएल ओरांव भी थे, जो इलाके में रुकेंगे। उन्होंने प्रभावित गांवों का दौरा किया और लोगों से बात की। इस बारे में वे केंद्र सरकार को जल्द एक रिपोर्ट सौंपेंगे। सिंह के साथ गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू भी बुधवार शाम यहां पहुंचे। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की।

गृह मंत्री ने बताया कि भारत सरकार को भूटान और म्यांमा से भी उनके क्षेत्र से आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के संबंध में आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें इस संबंध में सूचित किया था।

समझा जाता है कि बोडो उग्रवादी संगठन ने भारत-भूटान सीमा पर घने जंगलों में कुछ अड्डे बना लिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक जब भी सुरक्षा बल संगठन के खिलाफ कार्रवाई करते हैं तो वे अक्सर भूटान के क्षेत्र में जाकर छिप जाते हैं और उन्हें खोज पाना कठिन होता है। साल 2003-04 में भूटान ने उल्फा उग्रवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया था और देश से उनके ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक हिंसा से बुरी तरह प्रभावित सोनितपुर जिले में गुरुवार सुबह अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे जिंजिया थाने के तहत आने वाली मैतालू बस्ती से छह और शव बरामद किए गए हैं। गृह मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपए देने का एलान किया है।

इससे पहले राजनाथ सिंह के हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई जिसके बाद उसे आपात स्थिति में तेजपुर वायुसेना ठिकाने पर उतरना पड़ा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिंह का हेलिकॉप्टर वायुसेना ठिकाने से कोकराझार के लिए रवाना हुआ था। बीच रास्ते में तकनीकी समस्या आ गई जिसके चलते उसे वापस तेजपुर लौटने के लिए बाध्य होना पड़ा। सिंह के साथ गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू भी थे। सिंह को एक घंटे की देरी हो गई और वे कोकराझार से एक अन्य हेलिकॉप्टर के आने पर ही रवाना हो पाए।

नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने असम के कोकराझार और सोनितपुर जिलों में हिंसा की भर्त्सना की और कहा कि आतंक और हिंसा की इस तरह की गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।