राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को आतंकवादियों को आर्थिक मदद देने के दोषी पाए गए तीन अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। एनआईए की विशेष अदालत ने अन्य 11 दोषियों को आठ से 12 वर्ष के बीच कैद की सजा सुनाई है। इन दोषियों पर 1000 करोड़ के वित्तीय घोटाले और आतंकियों को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने का आरोप लगा हुआ था। उम्रकैद के साथ इन दोषियों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।

एनआईए के विशेष जज ने उग्रवादी संगठन दिमा हलम दाओघ के चेयरमैन को सजा सुनाई। एनआईए के वकील दिलीप दास ने बताया कि जिन लोगों को सजा सुनाई गई उनमें आतंकी संगठन डीएचडी के कमांडर इन चीफ जेवेल गरलोसा के अलावा निरंजन होजाई, मोहेत होजाई शामिल हैं।

उम्रकैद की सजा पाने वालों में आतंकवादी संगठन दीमा हलम दाओगाह (जे) के कमांडर इन चीफ निरंजन होजाई, इसी संगठन के चेयरमैन जेवेल गारलोसा और उत्तरी काचर हिल्स स्वायत्तशासी परिषद (एसीएचएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य रहे मोहेट होजाई शामिल हैं। एनआईए के वकील ने यहां बताया कि अदालत ने तीनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

एनआईए ने गारलोसा, होजाई, एनसी हिल्स स्वायत परिषद के पूर्व कार्यकारी सदस्य मोहत होजाई, सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी आरएच खान और 12 अन्य लोगों के खिलाफ 2009 में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद मोहेत होजाई को 30 मई 2009 को गिरफ्तार किया गया था। मोहेत अभी भी जेल में है, जबकि जेवेल गरलोसा और निरंजन होजाई जमानत पर थे। दोनों ही स्वायत्त परिषद दिमा हसाओ के चयनित सदस्य हैं। इसके अलावा निरंजन भाजपा के निर्वाचित सदस्य भी हैं।

आपको बता दें कि 2009 में एनआईए ने आरोप लगाया गया था कि एनसी पर्वतीय परिषद के विकास के लिए जारी की गई धनराशि को ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों की उपेक्षा करते हुए आतंकवादी संगठन डीएचडी (जे) को भेज दिया जाता है, ताकि वे आतंकवादी बारदात को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला बारूद खरीद सकें।