Manipur News: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार 19 सितंबर की शाम सशस्त्र बदमाशों ने घात लगाकर असम राइफल्स के काफिल में पर हमला कर दिए। इस काफिले में कुल 33 जवान सवार थे। हमले में अभी तक दो जवान शहीद हो गए, जबकि चार अन्य जवान बुरी तरह घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाते हुए हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।

21 सितंबर साल 1949 में मणिपुर का विलय किया गया था और विलय के समझौते के विरोध में घाटी आधारित समूहों ने बंद का ऐलान किया था। उस बंद से दो दिन पहले सुरक्षाबलों के काफिले पर हमले माहौल को काफी तनावपूर्ण कर दिया है।

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अधिकारियों ने क्या कहा?

इस हमले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि यह घटना जिले के नांबोल सबल लेइकाई इलाके में शाम करीब पांच से छह बजे के बीच हुई। एक अधिकारी ने बताया कि बंदूकधारियों के एक समूह ने उस वाहन पर घात लगाकर हमला किया, जिससे असम राइफल्स के जवान इंफाल से बिष्णुपुर जिले की ओर जा रहे थे।

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इस हमले में अब तक दो जवानों की शहादत हुई है और चार घायल हो गए। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घायल जवानों को पुलिस और स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

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पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह ने जताया शोक

इस हमले को लेकर मणिपुर के पूर्व सीएम एन वीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि नाम्बोल सबल लेईकाई में हमारे बहादुर 33 असम राइफल्स के जवानों पर हुए हमले की खबर सुनकर मैं बहुत स्तब्ध हूं। दो जवानों की शहादत और कई अन्य के घायल होने से हम सभी को गहरा सदमा पहुंचा है। शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। उनका साहस और बलिदान सदैव हमारे हृदय में रहेगा। इस जघन्य कृत्य के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

मणिपुर हिंसा के दो साल बाद हुआ सबसे बड़ा हमला

असम राइफल्स के काफिले पर इतना भयानक हमले किसने किया है और इसके पीछे साजिश किसकी है, इसको लेकर अभी जानकारी सामने नहीं आई है, क्योंकि अभी तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि मणिपुर में 3 मई, 2023 को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पिछले साल के बाद से केंद्रीय सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा और खतरनाक हमला है, जिसके चलते सुरक्षाबल अलर्ट हो गए हैं और सघन सर्च ऑपरेशन के साथ ही जांच शुरू कर दी है।

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