Assam NRC Final List 2019 Updates: केंद्र ने National Register of Citizens की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले से असम में तैनात किए अद्धैसैनिक बल के 10,000 कर्मियों को वापस बुला लिया। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एनआरसी के बाद से असम में कोई हिंसा नहीं हुई, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। पूर्वोत्तर राज्य में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि करने वाले एनआरसी का अंतिम मसौदा 31 अगस्त को प्रकाशित हुआ। एनआरसी की अपडेशन सूची में 19 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए। अधिकारियों ने बताया कि असम में शांति बने रहने के कारण शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने राज्य में स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के बाद अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को तुरंत प्रभाव से वापस बुलाने का फैसला लिया गया। अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों में से 50 बीएसएफ, 10 सीआरपीएफ, 16 आईटीबीपी और 24 एसएसबी की हैं। बल की एक टुकड़ी में करीब 100 जवान होते हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बलों को असम में तैनाती से पूर्व अपने संबंधित शिविरों पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।

NRC में नाम है या नहीं? यह है पता लगाने का तरीका

इससे पहले, एनआरसी के असम संयोजक कार्यालय ने शनिवार को बताया कि सभी एनआरसी आवेदकों के नाम शनिवार को ऑनलाइन प्रकाशित किए गए। कार्यालय ने बताया कि एनआरसी के मसौदे के अनुसार 3.30 करोड़ आवेदकों के नाम तथा अंतिम एनआरसी सूची में शामिल किए गए और उससे बाहर किए गए लोगों के नामों की अनुपूरक सूची प्रकाशित की गई है। 31 अगस्त को प्रकाशित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में केवल अनुपूरक सूचियां हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दावों और आपत्ति की प्रक्रिया में शामिल लोगों पर विचार किए बिना एक परिवार के सभी सदस्यों के नाम शनिवार को प्रकाशित किए गए।’’ एनआरसी के प्रदेश संयोजक कार्यालय ने पहले घोषणा की थी कि पूरे परिवार की जानकारियों केवल ऑनलाइन उपलब्ध होगी। अंतिम एनआरसी में कुल 3,30,27,661 आवदेकों में से 19,06,657 आवेदक बाहर किए गए और 3,11,22,004 आवेदकों को सूची में शामिल किया गया।

 

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21:17 (IST)14 Sep 2019
अपील करने के लिए जल्द पूरी होगी प्रक्रिया

अधिकारी ने बताया कि विभिन्न एनआरसी सेवा केंद्रों से सूची से बाहर रखे जाने संबंधित प्रमाण पत्र एकत्रित किए जा रहे हैं और उन्हें लोगों के जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपील दायर कर सकें।

19:25 (IST)14 Sep 2019
अंग्रेजी और असमिया भाषा में है सूची

एनआरसी की पूरी सूची शनिवार को ऑनलाइन प्रकाशित की गई जिसमें मसौदा एनआरसी में शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों के साथ ही अनुपूरक सूची में शामिल किए गए और बाहर किए गए (अंतिम एनआरसी) 3.30 करोड़ आवेदकों के नाम शामिल हैं।सूची केवल ऑनलाइन उपलब्ध होगी और इसे अंग्रेजी और असमिया भाषा में प्रकाशित किया गया है।

18:12 (IST)14 Sep 2019
नागरिकता साबित करने का मिलेगा मौका

दस्तावेजों की जांच के बाद 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों के नाम  को शामिल किया गया है। वहीं,19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर किया गया। हालांकि एनआरसी में लोगों को शामिल करने को लेकर कई खामियां सामने आईं हैं जिसके मद्देनजर असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा।

14:45 (IST)14 Sep 2019
सरकार सुनिश्चित करे कि एनआरसी में सभी को मिले न्याय : वामदल

वामदलों ने सरकार से असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में सभी नागरिकों के साथ न्याय हो सके, यह सुनिश्चित करने की मांग की है। माकपा और भाकपा सहित अन्य वामदलों ने संयुक्त बयान जारी कर शुरूआती रिपोर्टों के हवाले से दावा किया है कि एनआरसी की अंतिम सूची में व्यापक पैमाने पर भारतीय नागरिकों के नाम छूट गये हैं। बयान के अनुसार एनआरसी की अंतिम सूची में लगभग 19.06 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं। इसके मद्देनजर वामदलों ने सरकार से इन मामलों की सुनवाई की निष्पक्ष प्रक्रिया का निर्धारण करने की मांग की है। मौजूदा प्रक्रिया में एनआरसी से बाहर हो गये लोगों को निर्धारित न्यायाधिकरण में 120 दिन में अपील करने का विकल्प मुहैया कराया गया है। इनकी दलील है कि विदेशी नागरिकों के लिये गठित न्यायाधिकरण, न्यायिक निकाय नहीं है। वामदलों ने एनआरसी से बाहर किये गये लोगों को निष्पक्ष तरीके न्याय दिलाने के लिये न्यायिक प्रक्रिया के तहत अपील करने का अवसर देने की सरकार से मांग की है। 

13:20 (IST)14 Sep 2019
वापस बुलाए गए 10 हजार अर्धसैनिक बल

केंद्र ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले से असम में तैनात किए अद्धैसैनिक बल के 10,000 कर्मियों को वापस बुला लिया। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एनआरसी के बाद से असम में कोई हिंसा नहीं हुई, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। पूर्वोत्तर राज्य में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि करने वाले एनआरसी का अंतिम मसौदा 31 अगस्त को प्रकाशित हुआ। एनआरसी की अद्यतन सूची में 19 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए। अधिकारियों ने बताया कि असम में शांति बने रहने के कारण शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने राज्य में स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के बाद अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को तुरंत प्रभाव से वापस बुलाने का फैसला लिया गया। अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों में से 50 बीएसएफ, 10 सीआरपीएफ, 16 आईटीबीपी और 24 एसएसबी की हैं। बल की एक टुकड़ी में करीब 100 जवान होते हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बलों को असम में तैनाती से पूर्व अपने संबंधित शिविरों पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।

12:15 (IST)14 Sep 2019
कैसी होगी विदेशियों को रखने वाली जेल

National Register of Citizens की फाइनल लिस्ट शनिवार को ऑनलाइन जारी होने के बीच असम के गोलपाड़ा जिले के पश्चिमी मतिया इलाके में अवैध प्रवासियों के लिए बन रहे भारत के पहले डिटेंशन सेंटर का काम तेज हो गया है। इसका निर्माण इस साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। यहां उन लोगों को रखे जाने की उम्मीद है, जो ट्रिब्यूनल के जरिए विदेशी घोषित कर दिए जाएंगे। इस डिटेंशन सेंटर को बनाने का खर्च करीब 46 करोड़ रुपये है। यहां कुल 15 चार मंजिली इमारत बन रही है। इनमें से 13 पुरुषों के लिए जबकि 3 महिलाओं के लिए होगी। डिटेंशन सेंटर करीब 2,88,000 वर्ग फीट इलाके में बन रहा है। यहां सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के लिए अलग आवासीय परिसर होंगे। इस सेंटर पर अलग टॉयलेट, अस्पताल, किचर, डायनिंग एरिया से लेकर स्कूल तक होगा। 

11:30 (IST)14 Sep 2019
मोदी सरकार बता रही बड़ी उपलब्धि

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में गृह मंत्रालय की मुख्य उपलब्धियों में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने, एनआरसी और देश के चार सर्वाधिक व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने जैसे फैसले शामिल रहे । मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी एक विवरणिका (ब्रोशर) में यह भी कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कानून, 2008 को सरकार के पहले 100 दिनों में संशोधित किया गया। इसके तहत एजेंसी के क्षेत्रीय अधिकार में वृद्धि की गयी है जिससे एजेंसी आतंकी मामलों की जांच विदेशों में भी कर सकेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दस्तावेज में लिखा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और गरीबों के कल्याण का पर्याय है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे समाज के हर तबके के लिए आशा का प्रतीक है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनके लिए हर भारतीय 70 साल से इंतजार कर रहा था।’’

11:11 (IST)14 Sep 2019
एनआरसी बनाने में निष्पक्ष प्रक्रिया का अनुपालन किया गया : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) बनाने की प्रक्रिया निष्पक्ष रही और 19 लाख लोग जो इससे बाहर रह गए हैं, उनके पास इसे चुनौती देने के लिए पर्याप्त कानूनी विकल्प मौजूद हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जोर देकर कहा कि जिनके नाम अंतिम एनआरसी में नहीं हैं, उनके प्रति कोई पक्षपात या पूर्वाग्रह नहीं है। मीडिया को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘कौन सा देश अवैध प्रवासियों को अपनी सीमा में रहने की इजाजत देता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह उच्चतम न्यायालय की अनुमति से की गई वैध प्रक्रिया है। यह सरकार की ओर से शुरू प्रक्रिया नहीं है। यह निष्पक्ष प्रक्रिया है। अधिकरण में अपील करने का अधिकार है। इसके बाद भी लोग उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायाल का रुख कर सकते हैं। जब उनसे पूछा गया कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी के तौर पर पहचाने गए लोगों को वापस भेजा जाएगा तो उन्होंने कहा, हम इस पर बात नहीं करें कि क्या होगा और कैसे पूरे मामले को सुलझाया जाएगा। भविष्य में क्या होगा, उस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। मेरे पास उसका जवाब नहीं है।

10:39 (IST)14 Sep 2019
ऑनलाइन क्या कर सकेंगे चेक

नए लिस्ट में नागरिक के तौर पर स्वीकृत लोगों के अलावा उनके नाम भी शामिल हैं, जिनकी अर्जी खारिज हो गई है। इसके अलावा, जिनकी नागरिकता अपील लंबित है, उनके नाम को भी शामिल किया गया है। किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्य का नाम फाइनल एनआरसी में शामिल है कि नहीं, यह अब ऑनलाइन चेक किया जाएगा।  जिन 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं, उन्हें अगले कुछ महीनों में ट्रिब्यूनल में जाकर अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। जो ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें असम के गोलपाड़ा जिले में बन रहे डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा। 

10:38 (IST)14 Sep 2019
ऑनलाइन क्या कर सकेंगे चेक

नए लिस्ट में नागरिक के तौर पर स्वीकृत लोगों के अलावा उनके नाम भी शामिल हैं, जिनकी अर्जी खारिज हो गई है। इसके अलावा, जिनकी नागरिकता अपील लंबित है, उनके नाम को भी शामिल किया गया है। किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्य का नाम फाइनल एनआरसी में शामिल है कि नहीं, यह ऑनलाइन चेक किया जाएगा। जिन 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं, उन्हें अगले कुछ महीनों में ट्रिब्यूनल में जाकर अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। जो ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें असम के गोलपाड़ा जिले में बन रहे डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा।

10:29 (IST)14 Sep 2019
ममता को बीजेपी ने दी बंगाल में एनआरसी लागू करने की चुनौती

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ‘‘ममता जल्द देखेंगी कि कैसे भाजपा बंगाल में एनआरसी लागू करती है’’ और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाल फेंकती है जो अब तृणमूल कांग्रेस का भरोसेमंद वोटबैंक बन चुके हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ सालों में करीब दो करोड़ रोंिहग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों ने राज्य में अवैध रूप से प्रवेश किया। इनमें से एक करोड़ लोग देश के दूसरे राज्यों में चले गए और बचे एक करोड़ लोग बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के संरक्षण में रह रहे हैं। घोष ने कहा, ‘‘उन्हें बंगाल से बाहर निकाल फेंका जाएगा और भाजपा यह करेगी। दिलीप घोष ने कहा कि आज नहीं तो कल बंगाल में एनआरसी को लागू किया जाएगा और ममता बनर्जी इसकी गवाह होंगी।’’ उल्लेखनीय है कि एनआरसी भारतीय नागरिकता का सबूत है और असम में हाल में इसे अद्यतन किया गया है। पड़ोसी राज्य असम में रह रहे 3.29 करोड़ लोगों में से 19 लाख लोगों को 31 अगस्त को प्रकाशित अंतिम एनआरसी में जगह नहीं मिली है।

10:10 (IST)14 Sep 2019
एनआरसी से बाहर हुए लोगों की मदद के लिए कांग्रेस ने बनाया 'हेल्प डेस्क'

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने बताया कि एनआरसी को लेकर पार्टी में चर्चा के बाद यह निर्णय हुआ कि जो वास्तविक भारतीय नागरिक एनआरसी की सूची से बाहर रह गए हैं उनके साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी रहेगी। उनको कानूनी और दूसरी हर तरह की मदद मुहैया करएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि भारतीय नागरिकों का नाम नहीं छूटना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से हेल्प डेस्क बनाया गया है। बोरा कहा कि सोनिया गांधी ने निर्देश दिया कि एनआरसी से बाहर रह गए भारतीय नागरिकों की पूरी मदद की जाए। अपील याचिका और कागजों के बारे में मदद की दी जा रही है।