असम के गोलपाड़ा जिले में स्थित जंगलों में कथित तौर पर कब्जा करके रहने वाले लोगों के घरों को बीते महीने पहले खाली कराया गया था। प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुए। इस दौरान पुलिस की गोली से 19 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। अब इस मामले को लेकर मृतक युवक की मां ने गुवाहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर घटना की पूरी निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया है।

पिछले महीने 12 जुलाई को असम पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर जंगल खाली कराने का अभियान चलाया गया था। इस अभियान में गोलपाड़ा के पैकन रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन को भी खाली कराया गया। इस दौरान वहां रहने वाले 1080 परिवारों के घरों पर भी बुलडोजर चला दिए गए। लेकिन 17 जुलाई को पुलिस और वहां रहने वाले लोगों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई। दरअसल ये झड़प तब शुरू हुई जहां अभी भी अस्थाई रूप से रहे परिवारों के मुख्य मार्ग को प्रशासन ने खोद दिया।

मां बोली- उत्सुकतावश घटना देखने गए थे उनके बेटे

इस झड़प के दौरान पुलिस, वन कर्मचारी समेत कई लोग घायल हुए। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलाईं। गोलीबारी के दौरान ही 19 साल का सकोवर अली को गोली लगी और उसकी मौत हो गई। जबकि दो अन्य व्यक्ति घायल भी हुए।

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मंगलवार (12 अगस्त) को गुवाहाटी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस में सकोवर की मां ने एक पत्र सौंपा। इस पत्र के माध्यम से पूरी घटना को लेकर न्यायिक जांच की मांग की गई। पत्र में लिखा गया है, ‘जब प्रशासन ने उन लोगों के अस्थाई निवास को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का रास्ता काट दिया तो इसकी जानकारी मिलने के बाद मेरा बेटा सकोवर और नोसर अली भी वहां गए थे। दोनों उत्सुकतावश इस घटना को देखने गए थे। लेकिन वहां पहले से मौजूद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया और गोलीबारी भी शुरू कर दी। गोलीबारी के परिणामस्वरूप मेरे 19 साल के बेटे सकोवर अली को गर्दन के ऊपर गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।’

वहीं इस मामले को लेकर पुलिस और वन अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों पर हमला किए जाने के बाद पुलिस ने गोलीबारी की। हालांकि जज को लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘मेरा बेटा किराना दुकान चलाता था। वह अपने भाई के साथ घटनास्थल पर केवल जिज्ञासावश गया था। हमें पुलिस अधिकारियों पर निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं रहा। इसलिए, मैं आपसे पुलिस गोलीबारी की स्वतंत्र न्यायिक जांच का अनुरोध करती हूं।’