असम में बारिश के कारण 10 जिलों के कई इलाकों में पानी भर गया जिससे 37,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। लगातार बारिश के चलते असम में ब्रह्मपुत्र नदी में जल स्तर में वृद्धि देखी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के धीरेनपाड़ा इलाके में भूस्खलन में मुख्तार अली नामक व्यक्ति की मौत हो गई।
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि एक आवासीय परिसर की चारदीवारी अली के आवास पर गिर गई, जिसके मलबे में दबकर उसकी मौत हो गई। घटना के समय वह सो रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 37,535 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। विश्वनाथ, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, होजाई, लखीमपुर, नगांव, सोनितपुर, तिनसुकिया और उदलगुड़ी इस साल बाढ़ की पहली लहर से प्रभावित जिलों में शामिल हैं। शुक्रवार तक राज्य के सात जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 34,189 थी। लखीमपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिला रहा जहां 25,275 लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। असम के कुछ जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि वह इससे निपटने के लिए तैयार है। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने और सभी जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। असम सरकार आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना (IAF), NDRF सहित सभी एजेंसियों के संपर्क में है।
खतरे के निशान के ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र
असम के विभिन्न इलाकों में नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन में कहा गया है कि जोरहाट जिले के निमतिघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, कामपुर में कोपिली और कामरूप जिले के पुथिमारी में भी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। सीडब्ल्यूसी के बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों से समूचे राज्य में लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण बाढ़ की पहली लहर आई है और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार तक राज्य के 10 जिलों में 37,535 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए।
बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन ने बनाए तीन राहत सेंटर
ASDMA से मिली जानकरी के अनुसार, लखीमपुर, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चाचर, नलबाड़ी और कामरूप जिले के कई इलाकों में बाढ़ से हालात ख़राब हैं। बाढ़ के पानी के चलते 220 हेक्टेयर से भी ज्यादा फसल पानी में डूब चुकी है। बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा लखीमपुर जिला प्रभावित हुआ है। लखीमपुर में ही लगभग 24 हजार लोग बाढ़ की वजह से चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ से बचाव और राहत के लिए प्रशासन ने तीन राहत सेंटर बनाए हैं, जहां बाढ़ प्रभावित लोगों को रखा गया है।