असम में बाढ़ के बाद हालात खराब हैं। भूटान के कुरिचु बांध से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य अलर्ट पर है। भूटान की तलहटी वाले गांवों से लगभग 500 परिवारों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। भूटान सरकार के बांध से पानी छोड़े जाने की सूचना मिलने के बाद असम सरकार ने गुरुवार रात जिला प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया था।
भूटान के राष्ट्रीय जल विज्ञान और मौसम विज्ञान केंद्र के एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि ड्रंक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन कुरिचू जलाशय की सफाई का काम शुरू करेगा।
जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने भूटान सरकार से रात के बजाय सुबह नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ने का आग्रह किया है। पीयूष हजारिका ने कहा, “हमने भूटान में अधिकारियों के साथ बातचीत की है और उन्होंने हमारे बात करने के बाद प्लान के तुलना में बहुत धीरे रफ्तार से पानी छोड़ा है। उम्मीद है कि इससे ज़्यादा नुकसान नहीं होगा और पानी जल्द कम हो जाएगा।”
असम बाढ़ : हजारों की तादाद में आमजन प्रभावित
एक आधिकारिक बुलेटिन में दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य के 17 जिले में 67,000 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को बाढ़ से 67,689 लोग प्रभावित हुए, जबकि इससे एक दिन पहले प्रभावित लोगों की संख्या 41,000 थी। पीटीआई भाषा के मुताबिक शुक्रवार को बाढ़ के कारण किसी की मौत होने की सूचना नहीं मिली और कुल मृतक संख्या सात बनी हुई है।
17 जिले बाढ़ से प्रभावित
बुलेटिन में बताया गया कि प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है और इनमें बक्सा, बिस्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, नागांव, नलबाड़ी, शिवसागर तामुलपुर और तिनसुकिया शामिल हैं। इससे एक दिन पहले प्रभावित जिलों की संख्या 10 थी। धुबरी और तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी तथा गोलकगंज में बेकी, बूढ़ी दिहिंग और संकोश नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।