असम वन विभाग ने पतंजलि मेगा हर्बल एवं फूडपार्क के निर्माणकर्ता के खिलाफ सोणितपुर जिले में जंगली हाथियों को सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही और निर्माण स्थल पर गड्ढा खोदने की वजह से गुरुवार (25 नवंबर) को एक हाथी की मौत के लिए शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। पश्चिमी सोणितपुर वन संभाग के अतिरिक्त वन संरक्षक जसीम अहमद ने कहा कि प्राथमिकी तेजपुर थाने के अंतर्गत सलानीबाड़ी थाना में दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि पार्क के निर्माणकर्ता उदय गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। वह घोड़ामारी असम औद्योगिक विकास निगम (एआईडीसी) परिसर में पतंजलि पार्क के समन्वयक भी हैं। अहमद ने कहा कि 14 से अधिक गड्ढे हैं और उनमें से कुछ को मिट्टी से भर दिया गया है जब वन मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा ने कल एक वयस्क मादा हाथी की मौत के बाद स्थल का दौरा किया।

गौरतलब है कि यह मामला एक हथिनी की गड्ढे में गिरकर उसकी मौत होने के बाद सामने आया था। उस हथिनी के गड्ढे में गिरने के बाद का एक वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ था। उसमें दिखाया गया था कि हथिनी का एक बच्चा उसकी मौत के बावजूद उसे छोड़कर जाने को तैयार नहीं था। वह अपनी मां के साथ ही बैठा रहता है और उसे उठाने की कोशिशों में लगा रहता है। बाद में उसे लोगों की मदद से बाहर निकाला जाता है। खबरों के मुताबिक, हथिनी और उसके कुछ बच्चे वहां से होकर गुजर रहे थे। उसी दौरान हथिनी और उसके दो बच्चे गड्ढे में गिर गए। एक बच्चा को किसी तरह निकल गया। हथिनी को गड्ढे में गिरने के 19 घंटे बाद तक नहीं निकाला जा सका था। आखिरकार उसकी मौत हो गई। उसके बहुत सारी चोट लगी थी।

गौरतलब है कि वन मंत्री ने बिल्डर को सख्त निर्देश दिए थे कि 200 एकड़ की जगह का आधे हिस्से पर उसे कोई निर्माण कार्य नहीं करना है जिससे वहां पर हाथी आराम से रह सके। लेकिन बात को अनसुना कर दिया गया। पतंजलि मेगा हर्बल एवं फूडपार्क की नींव 6 नंवबर को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल द्वारा रखी गई थी। उस मौके पर पतंजलि के फाउंडर बाबा रामदेव, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो और भी कई मंत्री पहुंचे थे।

कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उस जगह का इस्तेमाल हथिनी और बाकी जानवर बच्चे को जन्म देने के लिए किया करते थे। कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी जमीन किसी को भी देने का अधिकार नहीं है।

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