असम में हिंसा आज और बढ़ गई और एनडीएफबी आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। उधर, गुस्साए आदिवासियों ने प्रदर्शन के दौरान घरों में आग लगा दी और एक थाने पर हमला किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित गोलीबारी में तीन लोग मारे गए।

पुलिस के अनुसार नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सोंगबिजित धड़े से जुड़े सशस्त्र आतंकवादियों ने कल शाम असम के तीन जिलों के सुदूरवर्ती गांवों में हमला किया था। हमले में सोनितपुर जिले में 37, कोकराझाड़ में 25 और तीन लोग चिरांग जिले में मारे गए हैं। मरने वालों में 21 महिलाएं और 18 बच्चे हैं।

केंद्र ने कहा कि वह असम सरकार के अनुरोध पर अद्धसैनिक बल के तकरीबन 5000 जवानों को भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के मारे जाने पर शोक प्रकट किया और प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

पीएमओ ने एक वक्तव्य में कहा कि 86 लाख रुपए प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से राज्य सरकार को जारी किए जा रहे हैं। ‘कायरतापूर्ण’ हमले की निंदा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह आतंकी कृत्य है और इससे उसी तरह से निपटा जाएगा।

मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। हत्याओं के खिलाफ आदिवासियों का हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनितपुर जिले के धेकियाजुली में उग्र प्रदर्शनकारियों के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस ने उनपर गोलीबारी की।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीर कमान से लैस प्रदर्शनकारी धेकाजुली शहर में पुलिस थाने की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस की ओर से रुक जाने के लिए बार-बार अपील किए जाने के बावजूद वो आगे बढ़ते रहे और थाने पर धावा बोलने का प्रयास किया।

 

असम के सोनितपुर और कोकराझर जिलों में एनडीएफबी (एस) के उग्रवादियों द्वारा किए गए चार हमलों में 60 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शुरुआत में लाठीचार्ज का सहारा लेकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन जब स्थिति बिगड़ गई तो पुलिस ने गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई में तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर जिले के फूलोगुरिन में कथित तौर पर बोडो समुदाय के 20 लोगों के मकान को आग के हवाले कर दिया।

असम पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोनितपुर जिले में अरुणाचल प्रदेश सीमा से लगी जिंजिया पुलिस चौकी के तहत मैतालु बस्ती में 31 लोग मारे गए और धेकियाजुली पुलिस चौकी के तहत आने वाली जंगल बस्ती में छह लोग मारे गए। सोनितपुर जिले में दो अन्य घायल हुए।

उन्होंने बताया कि कोकराझाड़ जिले में तीन गांवों में 25 लोग मारे गए। भूटान सीमा से लगे उल्टापानी में सबसे अधिक 12 लोग मारे गए जबकि लुंगसंग में आठ और पखड़ीगुड़ी में पांच लोग मारे गए जबकि चार अन्य घायल हुए हैं।

चिरांग जिले में रूनीखाटा थाने के अंतर्गत कालमंदिर इलाके में तीन लोग मारे गए और तीन अन्य घायल हुए। सोनितपुर में धेकियाजुली के निकट आदिवासी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर सात किलोमीटर लंबे खंड को जाम कर दिया।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू हालात का जायजा लेने के लिए आज शाम यहां पहुंचेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सिंह को स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम में ‘आदिवासियों’ पर ‘कायरतापूर्ण’ हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।

संदिग्ध बोडो उग्रवादियों के सिलसिलेवार हमलों में घायल महिला का इलाज करते डॉक्टर। (फोटो: जनसत्ता)

 

गोगोई ने राज्य मंत्रियों नीलमणि सेन डेका और बसंत दास को कोकराझाड़ जाने और रकीबुल हुसैन, टंका बहादुर राय और पृथ्वी मांझी को सोनितपुर जाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस एनडीएफबी (एस) समूह ने सर्वाधिक बर्बर और घृणित अपराध किया है। हमें इससे दृढ़ता से निपटना है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें बड़े तरीके से आगे बढ़ना है ताकि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।’’

उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इसमें वो क्षेत्र भी शामिल हैं जहां बोडो लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के ‘मारकर भागने’ को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री ने उन्हें सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया है।

गोगोई ने कहा, ‘‘न तो असम सरकार और न ही भारत सरकार इन उग्रवादी समूहों के समक्ष समर्पण करेगी। इसलिए हम भारत सरकार से और अधिक अर्द्धसैनिक बल मांग रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मुझे सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया।’’

हमलों की निंदा करते हुए रिजीजू ने कहा, ‘‘यह ऐसी स्थिति में खुल्लम-खुल्ला हमला है जहां इसकी अपेक्षा नहीं है। हमला निर्दोष लोगों पर है और हमले का स्थान बेहद सुदूरवर्ती और ग्रामीण इलाके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह का हमला हुआ है। हमने पहले ही संदेश भेज दिया है कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पूर्वोत्तर का विकास करना चाहते हैं तो शांति अवश्य रहनी चाहिए। शांति और विकास अभिन्न तत्व हैं।’’