पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम ने शुक्रवार को पूर्ण बहुमत से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कर दिया है। असम इस विधेयक को पारित करने वाला पहला राज्य बन गया है। जीएसटी विधेयक पिछले हफ्ते राज्य सभा  में पारित हुआ था। लोक सभा में मूल विधेयक मई 2015 में पारित हुआ था। राज्य सभा में इस विधेयक में किए गए संशोधनों को इसी हफ्ते लोक सभा ने स्वीकार कर लिया था। केंद्र में पारित होने के बाद जीएसीटी विधेयक को कम से कम 15 राज्य विधान सभाओं में पारित होना होगा। उसके बाद विधेयक को राष्ट्रपति के मंजूरी की जरूरत होगी ताकि यह विधेयक एक अप्रैल 2017 से प्रभावी हो सके।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी। सोनोवाल ने ट्वीट किया, “असम विधान सभा में ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हो गया। असम जीेसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बन गया है।”  15 राज्यों और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद 60 दिनों के अंदर राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधियों के जीएसटी काउंसिल का गठन करना होगा। जीएसटी काउंसिल टैक्स की दरों के साथ ही वस्तु एवं सेवा की दरों का बैंड का निर्धारण करेगा। राज्य पहले से ही टैक्स दरों के लेकर आमराय बनाने की प्रक्रिया में हैं। माना जा रहा है कि उत्पादित वस्तुओं पर टैक्स घटेगा और सेवाओं पर बढ़ेगा।

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