असम में वार्ता विरोधी एनडीएफबी (एस) की हिंसा का असर बुधवार को नए इलाकों में पहुंच गया और उदलगुड़ी जिले में ग्रामीणों पर उग्रवादियों के हमले में एक व्यक्ति घायल हो गया। उदलगुड़ी के पुलिस अधीक्षक बीर बिक्रम गोगोई ने कहा-संदिग्ध एनडीएफबी (एस) उग्रवादियों ने मजबत थानांतर्गत लामाबारी में गोलीबारी की और कुछ घरों को जला दिया। एक पुलिस दल मौके पर पहुंचा और उग्रवादियों पर गोली चलाई जो मौके से भाग गए।

उन्होंने कहा कि गोलीबारी में एक आदिवासी घायल हो गया। उसे तेजपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कहा कि हमले के बाद नाराज आदिवासियों ने लामाबारी और उदलगुड़ी साप्ताहिक हाट में 60 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया। लोगों के घर छोड़ने के कारण कोई घायल नहीं हुआ। उग्रवादियों ने मंगलवार रात से कोकराझार, चिरांग, सोनितपुर और उदलगुड़ी जिलों में सिलसिलेवार हमलों में 65 आदिवासियों को मार दिया और 16 घायल हो गए। सभी हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है और मंगलवार रात से कानून व्यवस्था संभाल रही है।

इस बीच सोनितपुर, चिरांग और कोकराझार जिलों में अशांत क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। धुबरी के उपायुक्त नजरूल इस्लाम ने कहा कि धुबरी-कोकराझार सीमा से पांच किलोमीटर के क्षेत्र में रात का कर्फ्यू लगाया गया है। पर्यावरण और वन मंत्री रकीबुल हुसैन समेत कुछ अधिकारियों के एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल को नाराज आदिवासियों का गुस्सा झेलना पड़ा और लौटना पड़ा।

उग्रवादियों के जनसंहार में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई, जिनमें 21 महिलाएं और 18 बच्चे शामिल हैं। इस कारण बदले की कार्रवाई के तहत बोडो के घरों और एक थाने पर हमला किया गया, जिस दौरान पुलिस की कथित गोलीबारी में तीन लोग मारे गए। अधिकारी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आॅफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सोंगबीजीत धड़े के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जिसका मंगलवार के हमले में हाथ है। वहीं, पुलिस ने बताया कि बोडो के कैडरों ने राज्य में नए इलाकों में हमला किया, गोलीबारी की और उदलगुरी जिले में मकानों को आग के हवाले कर दिया।

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जनसंहार के खिलाफ आदिवासियों का हिंसक प्रदर्शन, तीन की मौत (फोटो: भाषा)

 

हालात की समीक्षा करने के लिए असम पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इन कायरतापूर्ण हमलों की निंदा की और इसे ‘आतंकी’ कार्य करार दिया और इससे सख्ती से निपटने की बात कही। पुलिस के मुताबिक, एनडीएफबी के बातचीत विरोधी धड़े से जुड़े सशस्त्र उग्रवादियों ने मंगलवार शाम असम के तीन जिलों के सुदूरवर्ती गांवों में हमला किया था। हमले में सोनितपुर जिले में 37, कोकराझाड़ में 25 और चिरांग जिले में तीन लोगों की हत्या कर दी गई। मरने वालों में 21 महिलाएं और 18 बच्चे हैं। केंद्र ने कहा कि असम सरकार के अनुरोध पर अद्धसैनिक बल के तकरीबन 5,000 जवानों को वह भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के मारे जाने पर शोक प्रकट किया और प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल हर व्यक्ति को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 86 लाख रुपए प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से राज्य सरकार को जारी किए जा रहे हैं।

सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि हिंसा के मद्देनजर एनडीएफबी के उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और सेना संयुक्त रूप से एक अभियान शुरू करेगी। दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें गृह, रक्षा और अर्द्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शरीक हुए। सिंह ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा-यह एक आतंकी कार्य है और हम इससे उसी तरह से निपटेंगे जो कुछ भी कार्रवाई करने की जरूरत होगी, हम करेंगे।

इस बीच, और अधिक इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है क्योंकि सैकड़ों आदिवासी और अधिक हमले होने के डर से कथित तौर पर अपना घर-बार छोड़ कर चले गए हैं। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के यह कहने के बावजूद कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, हत्याओं के खिलाफ आदिवासियों का हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनितपुर जिले के धेकियाजुली में उग्र प्रदर्शनकारियों के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस ने उन पर गोलीबारी की।

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सोनितपुर, चिरांग और कोकराझार जिलों में अशांत क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है (फोटो: जनसत्ता)

 

 

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीर कमान से लैस प्रदर्शनकारी धेकियाजुली शहर में पुलिस थाने की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस की ओर से रुक जाने के लिए बार-बार अपील किए जाने के बावजूद वे आगे बढ़ते रहे और थाने पर धावा बोलने की कोशिश की। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शुरुआत में लाठीचार्ज का सहारा लेकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ गई तो पुलिस ने गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई में तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर जिले के फूलोगुरिन में कथित तौर पर बोडो समुदाय के 20 मकानों को आग के हवाले कर दिया। सात किलोमीटर की दूरी तक राष्ट्रीय राजमार्ग को भी आदिवासियों ने सोनितपुर के धेकियाजुली के पास अवरुद्ध कर दिया।

असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आदिवासी समुदाय पर हमले को सर्वाधिक घृणित, कायरतापूर्ण और बर्बर करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार उग्रवादी संगठन के साथ बेहद सख्ती से निपटेगी। मौजूदा हालात को बेहद गंभीर बताते हुए गोगोई ने कहा कि उग्रवादियों की ताकत पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस तरह की हिंसा को जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हम एनडीएफबी के साथ कड़ाई से निपटेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या एनडीएफबी (एस) के खिलाफ संयुक्त अभियान शुरू किया जाएगा गोगोई ने कहा कि उग्रवादी देश के भीतर और बाहर आश्रय ले लेते हैं। मैं गृह मंत्री के साथ रणनीति पर चर्चा करूंगा। उन्होंने कहा कि आॅपरेशन आॅल क्लीयर जैसे अभियान की जरूरत है। आॅपरेशन आॅल क्लीयर एक सैन्य अभियान था जिसमें भूटान की सेना ने 2003 में उल्फा और एनडीएफबी जैसे उग्रवादी संगठनों के खिलाफ चलाया था। भारत ने अभियान में भूटान को साजो-सामान से मदद प्रदान की थी। उसमें भूटान के घायल सैनिकों को वहां से निकालना भी शामिल था। गोगोई ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान अब मुख्य रूप से घायलों को उपचार प्रदान करने और हालात को और बिगड़ने से रोकने पर केंद्रित है। हमारा लक्ष्य शांति बहाल करना और यह देखना है कि हालात और नहीं बिगड़े। हम सतर्क हैं कि यह सांप्रदायिक संघर्ष का रूप नहीं ले। उकसावे के बावजूद हमें संयम बरतना है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया और खासतौर पर टीवी चैनलों से अपील की कि वे हिंसा के दृश्यों का बार-बार प्रसारण नहीं करें। ये लोगों को भड़का सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको भूमिका निभानी है। गोगोई ने बताया कि तकरीबन 2500 लोग अपने घर छोड़ कर चले गए हैं और राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सोनितपुर जिले में झिंझिया पुलिस चौकी के तहत मैईतालु बस्ती में 31 लोग मारे गए और धेकियाजुली पुलिस चौकी के तहत आने वाली जंगल बस्ती में छह लोग मारे गए। 20 लोग कोकराझर पुलिस चौकी के तहत आने वाले शांतिपुर उल्टापानी में और कोकराझर जिले की सेरफांगुरी पुलिस चौकी के तहत आने वाली पाखरीगुरी में पांच लोग मारे गए। इन सुदूर गांवों में खोज अभियान जारी हैं। इन गांवों में सड़क परिवहन के पर्याप्त साधन नहीं हैं। वहीं, असम सरकार ने हमलों में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजन को पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने घोषणा की। घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार दिया जाएगा।