वर्ल्ड बैंक के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रोफेसर कौशिक बसु ने एक बड़ा खुलासा किया है। ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कौशिक बसु ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेकुलरिज्म याद दिलाने को कहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक 2015 की गणतंत्र दिवस परेड में बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। ओबामा की यात्रा के दौरान कौशिक बसु ने उनसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के प्रति भारत की पारंपरिक और सुस्थापित प्रतिबद्धता के बारे में याद दिलाने को कहा था। कौशिक बसु ने इस बात का खुलासा एक इंटरव्यू में किया है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार का यह बयान मोदी सरकार के लिए एक बड़े झटके की तरह है।

वरिष्ठ पत्रकार कारण थापर को दिये गए एक इंटरव्यू में मनमोहन सिंह के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके कौशिक बसु ने बताया कि ओबामा की भारत यात्रा से कुछ दिन पहले उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति को संक्षिप्त जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया गया था। उस बैठक में कौशिक बसु ने सुझाव दिया था कि ओबामा को इस दौरे में भारत के नेताओं को इस महान विरासत की याद दिलनी चाहिए। बसु ने ओबामा से कहा था कि वे नेताओं से इसे संरक्षित करने का आग्रह करें।”

बसु का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को जानकारी देने के लिए चार लोगों को आमंत्रित किया गया था, जो अपने चार या पांच सलाहकारों के साथ बैठक में आए थे। उस बैठक में अपने स्वयं के योगदान के बारे में, बसु लिखते हैं “मैंने 7 मिनट के लिए बात की, मुख्य रूप से भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों का एक संक्षिप्त इतिहास पर बात की, बांग्लादेश लिब्रेसन के दौरान 1970 के दशक की शुरुआत में यूएसए का व्यवहार कितना अप्रिय और अनैतिक था मैंने इसपर भी बात की।”

अपने भाषण के अंत में कौशिक बसु ने राष्ट्रपति को सुझाव दिया कि उन्हें लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के लिए भारत की पारंपरिक प्रतिबद्धता के मुद्दे को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा “अध्यक्ष महोदय, मैं एक ऐसे मामले पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं जो अर्थव्यवस्था से परे है, और मैंने उनसे कहा कि एक चीज जिस पर भारत को वास्तव में गर्व करना चाहिए वह उसका लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता है।” बसु ने आगे कहा “लेकिन अब भारत के मूल सिद्धान्त जोखिम हैं। इसलिए जब आप भारत जाएँ तो वहां के नेताओं को इस महान विरासत की याद दिलाएँ और उन्हें इसे संरक्षित करने का आग्रह करें।

27 जनवरी 2015 को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में दी गई अपनी स्पीच में ओबामा ने धार्मिक भेदभाव का जिक्र करते हुए भारत की तरक्की पर बात की थी अपनी स्पीच में ओबामा ने कहा था कि संविधान में हर व्यक्ति को बगैर किसी उत्पीड़न, भय और भेदभाव के स्वेच्छा से अपनी आस्था का चुनाव करने और उसके अनुसरण का अधिकार है। भारत की तरक्की इस बात पर निर्भर करेगी कि वह धार्मिक भेदभाव से कितना मुक्त हो पाता है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा आता कि विवधिता ही अमेरिका और भारत की ताकत है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब एक ही बगीचे के फूल हैं। ईश्‍वर की नजर में सब एक हैं। धार्मिक स्‍वतंत्रता का अधिकार सभी को है। भारत में हर धर्म के लोग सफल होते हैं। ओबामा की यह स्पीच दैनिक अखबारों के पहले पेज में छपी थी। अपनी स्पीच से उन्होंने मोदी सरकार की ओर इशारा किया था। हालांकि उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया था।