Gyanvapi Masjid ASI Survey: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से फैसले को बरकरार रखते हुए फैसला लिया है कि ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे जारी रहेगा। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक ASI को सहायता के लिए बुलाया गया था। ASI के एडीजी ने प्रस्तावित सर्वेक्षण की प्रकृति बताते हुए एक हलफनामा दायर किया है। एडीजी द्वारा दी गई दलीलें हाईकोर्ट के फैसले में दर्ज की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश दे सकती है।

बिना खुदाई के सर्वे का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया है बिना खुदाई के सर्वे किया जाए। इससे पहले हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही फैसला सुनाया था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमले जिला कोर्ट से इस मामले में 15 दिन का समय मांगा है। सर्वे के काम को 15 दिन में पूरा किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी को कोर्ट से अतिरिक्त समय लिया जाएगा। मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए और इसे सार्वजनिक ना किया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे का आदेश जिला अदालत ने दिया है। सर्वे की रिपोर्ट का क्या किया जाएगा, इसका फैसला जिला अदालत लेगी।

अगले हफ्ते होगी श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि हमने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक की भी मांग की है। श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य माने जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। हालांकि प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट से जुड़ी याचिका पर सीजेआई ने फिलहाल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

हिंदू पक्ष ने दी ये दलील

हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील माधवी दीवान ने कहा कि एएसआई के सर्वे से किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होगा। हिंदू पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट चाहे तो पूरी प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग कोर्ट के लिए की जा सकती है। हिंदू पक्ष ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।

अयोध्या मामले का भी हुआ जिक्र

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। जीसेआई की ओर से कहा गया कि हम हर चीजों को हमेशा अर्जी दाखिल कर चुनौती नही दे सकते। दो अदालतों ने आपके खिलाफ फ़ैसला दिया है। सर्वे से साक्ष्य ही सामने आएंगे और आगे यह आपके ही मामले में काम आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि आप हमारा अयोध्या वाला फैसला देखें, सर्वे का महत्व साक्ष्य के लिए है, राम मंदिर मामले में उस पर चर्चा हुई थी।