ओड़ीशा कैडर के आइएएस अधिकारी रहे अश्विनी वैष्णव कुछ साल पहले राजनीति में आने के बाद ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दूसरे कार्यकाल में रेल और इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी के निजी सचिव रहे वैष्णव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत भरोसा करते हैं। यही वजह है कि इस साल जून में जब मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली तो अश्विनी वैष्णव को पुराने रेल और इलेक्ट्रानिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अलावा महत्त्वपूर्ण सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी के चलते उन्हें समय समय पर सरकार के प्रवक्ता के रूप में अपनी बात मीडिया के सामने रखनी होती है। कुल मिलाकर कहें तो राजग के तीसरे कार्यकाल में वैष्णव के कंधों पर दूसरे कार्यकाल की तुलना में अधिक भार आ गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वैष्णव के पास जरूरत से ज्यादा काम है। शायद यही वजह है कि वे अपने मंत्रालयों पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।

राजग के दूसरे कार्यकाल के दौरान ऐसे मंत्री जो राज्यसभा सांसद थे, उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वैष्णव भी इसका अपवाद रहे। वैष्णव ओड़ीशा से राज्यसभा के लिए दूसरी बार इसी साल अप्रैल में निर्वाचित हुए। वैष्णव के रेल मंत्री रहते हुए ही पिछले साल जून में ओड़ीशा के बालासोर में एक भयंकर रेल दुर्घटना हुई थी। इस दुर्घटना में 290 से अधिक लोगों की जान गई थी और करीब एक हजार लोग घायल हुए थे। इस दुर्घटना में एक मालगाड़ी, कोरोमंडल एक्सप्रेस और बंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी। राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए वैष्णव भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से पढ़े हैं और 1994 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। उनका अखिल भारतीय स्तर पर 27वां स्थान रहा था। इसके बाद उन्होंने ओड़ीशा के बालासोर और कटक जिले के डीएम के तौर पर काम किया था।

राजग सरकार में रेल हादसों पर जवाबदेही तय नहीं होती, सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं : कांग्रेस

कांग्रेस ने झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में रेल हादसे के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत’ में कोई जवाबदेही तय नहीं होती, किसी का इस्तीफा नहीं होता और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, जिनका कोई मतलब नहीं होता। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह कटाक्ष भी किया कि एक के एक बाद रेल हादसों के बावजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ‘पीआर मशीन’ जारी है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि एक और रेल दुर्घटना। लेकिन फेल मंत्री की ‘पीआर मशीन’ जारी है। अकेले जून और जुलाई 2024 में ‘असफल मंत्री’ के तहत तीन दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुल मिलाकर 17 नागरिकों की जान गई और 100 घायल हो गए।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ट्रेन दुर्घटनाएं मोदी के नए भारत में हर हफ्ते घटित होने वाली एक वास्तविकता बन गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया मोदी के नए भारत में कोई जवाबदेही नहीं है, कोई इस्तीफा नहीं है, केवल अप्रासंगिक रेल परियोजनाओं के बारे में बड़ी-बड़ी बातें हैं, जिनका कोई मतलब नहीं है।