भाजपा ने रामपाल जैसे ‘स्वयंभू संतों’ के द्वारा चलाए जाने वाले आश्रमों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा है कि श्रद्धा के नाम पर ये ‘आतंकवाद’ का केंद्र बन गये है। पार्टी के मुखपत्र कमल संदेश के नवीनतम अंक में एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘श्रद्धा के नाम पर आतंकवाद का केंद्र बने इन आश्रमों की गहरी छानबीन होनी चाहिए।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘रामपाल जैसे लोग एक दिन में पैदा नहीं होते। धीरे-धीरे समाज में वे अंधविश्वास का अपना नेटवर्क फैलाते हैं शुरुआत में ही इस तरह के आश्रमों पर प्रतिबंध लगना चाहिए।’’

भाजपा उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य प्रभात झा द्वारा संपादित पत्रिका ने किसे संत या बाबा कहा जाना चाहिए इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अंधविश्वास के नाम पर शोषण का तरीका केवल यह दिखाता है कि ‘‘हम अभी भी अंधकार युग में रह रहे हैं।’’

ऐसे तो रामपाल को छोड़कर किसी भी ‘स्वयंभू बाबा’ का नाम नहीं लिया गया है लेकिन इसकी तीखी आलोचना महत्वपूर्ण है क्योंकि कई राज्यों में इस तरह के आश्रमों की मौजूदगी है और भगवा पार्टी के साथ ऐसे कुछ ‘स्वयंभू बाबा’ की कथित निकटता की बात की जाती रही है। रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच करीब दो सप्ताह तक चले गतिरोध के बाद पिछले महीने रामपाल को गिरफ्तार किया गया था।

सिरसा में स्थित एक आश्रम डेरा सच्चा सौदा ने राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को अपना समर्थन दिया था। डेरा प्रमुख पर कई आपराधिक मामला चल रहा है।

हरियाणा में भाजपा सरकार की कार्रवाई की तारीफ करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि उसने यह संदेश भेजा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।