गोवा सरकार सूबे के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के परिवार को निशाना बना रही है। पर्रिकर के नजदीकी रहे सॉलिसीटर जनरल आत्माराम नादकर्णी ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा है कि गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनकी गठबंधन की सरकार मनोहर पर्रिकर और उनके परिवार के सदस्यों को जानबूझकर निशाना बना रही है। पूर्व स्टेट एडवोकेट जनरल नादकर्णी मनोहर के नजीदीकियों में से एक माने जाते हैं।

उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा ‘उनके ससूर महेश सरदेसाई एक अच्छे डॉक्टर हैं। उन्हें बर्खास्त कर दिया गया जबकि उनका वहां पर कोई विकल्प नहीं था। पूर्व सीएम के परिवार और उनके रिश्तेदारों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। आप जाइए और देखिए वहां लोग क्या बात कर रहे हैं।’ इससे पहले सरकार द्वारा संचालित गोवा मेडिकल कॉलेज में सरदेसाई की सेवाएं बढ़ा दी जाती थीं। सॉलिसिटर जनरल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री सावंत जो कि मराठा समुदाय से आते हैं और वह गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (पर्रिकर भी इसी जाति से थे) के निशाने पर हैं। इस समुदाय के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री सावंत उन अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ फैसले ले रहे हैं जो की पर्रिकर के नजदीकी हैं।

उन्होंने आगे कहा ‘जीएसबी जाति के सदस्य और नेताओं का कहना है कि सावंत ने उन प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले कर दिए जो कि पर्रिकर के करीबी रहे हैं। सरकार द्वारा संचालित निगमों की नियुक्तियों में भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।’ हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने इन सभी आरोपों को नकार दिया है। मालूम हो कि पर्रिकर का इसी साल मार्च में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिसके बाद सावंत को सीएम बनाया गया। सावंत के पदभार संभालते ही नादकर्णी को गोवा से संबंधित मामलों की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी से हटा दिया गया था।

इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ‘मुझे गोवा से जुड़े मामलों की सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की जिम्मेदारी दी गई थी वह छीन ली गई। साफ है कि सरकार द्वार ऐसा किया जाने से प्रतीत होता है कि कोई मुझसे नाराज है या फिर पर्रिकर से।’