आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि आसाराम बापू के पास करीब 2, 300 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है। विभाग ने आशाराम द्वारा कंट्रोल किए जाने वाले ट्रस्टों को दी गई टैक्स में छूट कैंसिल करने की सिफारिश की है। IT ने आसाराम और उसके सहयाेगियों से जुड़ी कई बेनामी संपत्तियों का भी पर्दाफाश किया है। सूत्रों के मुताबिक, अासाराम ने रियल एस्टेट, म्युचुअल फंड्स, किसान विकास पत्र और फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर हजाराें करोड़ रुपए अर्जित किए हैं।
इनमें से ज्यादातर निवेश कोलकाता की 7 सात निजी कंपनियों के जरिए किया गया है, जिन्हें आसाराम ने अधिग्रहीत किया और उसके अनुयायियों ने चलाया। इनकम टैक्स विभाग के इनवेस्टिगेशन विंग द्वारा तैयार की गई एक अप्रेजल रिपोर्ट में यह भी पाया गया है आसाराम ने अपने अनुयायियों के जरिए कर्ज देने वाली योजना भी चलाई थी, जिसके तहत व्यक्ति या संस्था को 1-2 प्रतिशत मासिक ब्याज पर नकद कर्ज उपलब्ध कराया जाता था।
READ ALSO: आसाराम के साथ मोदी का VIDEO: JDU ने पूछा- बलात्कारी बाबा के पास क्यों गए थे PM?
सूत्रों का कहना है कि आसाराम और उसके अनुयायियों ने 1991-92 से अब तक देश भर के 1,400 से ज्यादा लोगों को कम से कम 3,800 करोड़ रुपए कर्ज दिया है। पैसा कैश में दिया गया और उसके लिए पोस्ट-डेटेड चेक्स, प्रॉमिसरी नोट्स और जमीन के कागजात सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराए गए। इनकम टैक्स अधिकारियों को शक है कि आसाराम और उसके अनुयायियों ने इस योजना का इस्तेमाल आश्रमों को मिले दान को छिपाने में किया।
READ ALSO: आसाराम के शिष्य ने कबूला, AK-47 खरीदने और गवाहों की हत्या के लिए जुटाए थे 25 लाख
आयकर विभाग की जांच पर संत श्री आसारामजी आश्रम की प्रवक्ता नीलम दुबे का कहना है, ”यह बापूजी के खिलाफ एक साजिश है और हिंदू धर्म पर सीधा हमला है। बापूजी के पास कोई संपत्ति नहीं है। उनके पास तो खुद की कार भी नहीं है। हर चीज ट्रस्ट के नाम पर है और उनके अनुयायियों की है। वह विश्व के सबसे बड़े हिंदू संत हैं। वह तीन साल से जेल में हैं मगर कोई आरोप अब तक साबित नहीं किया जा सका है।