असम में एक सेमिनार में दिए भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्हें राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए और ऐसा बयान देना उनका काम नहीं है। ओवैसी ने ट्वीट कर यह बात कही। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा- ”क्या सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में दखल देना चाहिए, पार्टी के बढ़ने पर उनका काम बयान देने का नहीं है। लोकतंत्र और संविधान यह लागू करता है कि सेना हमेशा चुने गए नागरिक नेतृत्व के अंतर्गत काम करेगी।” दरअसल, बुधवार (21 फरवरी) को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने असम में उत्तर-पूर्व पर आधारित डीआरडीओ के द्वारा आयोजित सेमिनार में कहा था कि राज्य में बीजेपी के मुकाबले मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का विस्तार तेजी से हुआ है। सेना प्रमुख के बयान पर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
What,the Army Chief should not interfere in political matters it is not his work to comment on the rise of a political party ,Democracy & Constitution allows it and Army will always work under an Elected Civilian leadership https://t.co/PacWqqYXz1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 22, 2018
असदुद्दीन ओवैसी के एतराज जताए जाने के बाद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी सेना प्रमुख के बयान पर हैरानी जताई है। बदरुद्दीन ने सेना प्रमुख के बयान को चौंकाने वाला बताया है। मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट कर कहा- ”जनरल बिपिन रावत ने एक राजनीतिक बयान दिया है, यह चौंका देने वाला है। लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित एक पार्टी बीजेपी के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है, इसका सेना प्रमुख से क्या संबंध है? वैकल्पिक पार्टियां एआईयूडीएफ, आप बढ़ रही हैं, क्योंकि बड़ी पार्टियां गलत व्यवहार कर रही हैं।”
Gen Bipin Rawat has made a political statement, shocking! Why is it a concern for the Army Chief that a political party, based on democratic & secular values, is rising faster than BJP? Alternative parties like AIUDF, AAP have grown because of the misgovernance of big parties.
1— Maulana Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
वहीं, सेना की तरफ से भी सेना प्रमुख के बयान पर सफाई दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, सेना ने गुरुवार (22 फरवरी) को कहा- ”वहां कुछ भी राजनीतिक या धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने उत्तर-पूर्व पर आधारित सेमिनार में एकीकरण और विकास को लेकर बात की, जिसे डीआरडीओ भवन ने 21 फरवरी को आयोजित किया था।”
बता दें कि जनरल बिपिन रावत ने सेमिनार में कहा था- ”एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ। जब हम जनसंघ की बात करते हैं तो कहते हैं कि यह दो सांसदों से वे कहां पहुंच गया, तो हमें यह भी देखना चाहिए कि एआईयूडीएफ असम में तेजी आगे बढ़ रही है। आखिरकार, हमें यह देखना होगा कि असम कैसा राज्य होगा।”
There is nothing political or religious in the talk. Army Chief just mentioned amalgamation & development in the seminar on North-East organised at DRDO Bhawan on 21 Feb 18: Army
— ANI (@ANI) February 22, 2018