भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। चीनी सेना ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा के बावजूद पैंगोंग सो से पीछे हटने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में भारतीय सेना अब सर्दी के मौसम में भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का सामना करने के लिए तैयार हो गई है। सैनिकों की जरूरतों को पूरी करने के लिए गर्म कपड़ों के साथ अन्य जरूरत के सामान पहुंचाए जा रहे हैं। इनमें दुश्मन के लिए चुनौती पेश करने वाला एक हथियार- टी-90 टैंक भी शामिल है, जिसे पूर्वी लद्दाख में तैनात किया जा सकता है।

बताया गया है कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) सेना के ऑपरेशनों के मद्देनजर लद्दाख में स्थित दार्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्दी (DSDBO) की सड़कों और इसपर बने पुलों को मजबूत करने के काम में जुटी है, ताकि बर्फ जमा होने के बावजूद भारी वाहन भी एलएसी के नजदीक तक आसानी से पहुंचाए जा सकें। सेना सर्दियों में चीन के किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहती है और इसीलिए वह जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लेकर, कॉम्बैट व्हीकल (बख्तरबंद गाड़ियों) और टी-90 टैंक तक जुटा लेना चाहती है।

पिछले साल 95 दिन तक बंद रहने वाली श्रीनगर-जोजी ला-करगिल लेह एक्सिस, इस साल सिर्फ 45 दिन के लिए ही बंद रखी जाएगी। BRO सभी सुरंगों और मोड़ों को क्लास-70 के स्तर तक मजबूत करना चाहता है। इसके लिए 15 अक्टूबर तक की टाइमलाइन निश्चित की गई है। क्लास-70 के ब्रिज का मतलब है कि यह सड़कें 70 टन तक का वजन झेल सकती हैं, जो कि एक पूरे हथियारों से लदे टैंक का वजन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला BRO इस साल दारचा-पदम-नीमू-लेह सड़क को पूरे दिसंबर से लेकर जनवरी 2021 तक बर्फ मुक्त रखने का काम करेगा, ताकि सैन्य सप्लाई बाधित न हो पाएं। इसके अलावा सरकार दारचा-पदल एक्सिस पर शिंकु ला से एक छोटी सुरंग भी तैयार करना चाहती है, ताकि इस जगह पर सड़क बिना बर्फ के रहे।