पवित्र ग्रंथों के अपमान की कथित घटनाओं को पीड़ादायक बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि पंजाब में अशांति फैलाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। उन्होंने राज्य में ‘शांति बहाली’ के लिए यहां पर स्वर्ण मंदिर में अरदास भी की।

फरवरी में मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार यहां आने वाले केजरीवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है। ऐसा लगता है कि यह उन लोगों द्वारा जानबूझकर किया गया जो राज्य में शांति भंग करना चाहते हैं।’’

केजरीवाल यहां पवित्र ग्रंथ का अपमान किए जाने के विरोध में फरीदकोट में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गये दो सिखों के परिवार वालों से मुलाकात की। आप नेता ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि पवित्र ग्रंथ के अपमान संबंधी कृत्यों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर बलप्रयोग करना गलत था।

केजरीवाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथों के अपमान की घटनाओं के पीछे वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को ‘झूठे मामलों’ में नहीं फंसाया जाना चाहिए। उन्होंने और अधिक सवालों का जबाव देने से इंकार करते हुए कहा कि वह पंजाब में शांति के लिए प्रार्थना करने यहां आए हैं।

गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद केजरीवाल ने कहा, ‘‘स्वर्ण मंदिर में गहरी आध्यात्मिक शक्ति है और मैंने सबसे पहले सर्वशक्तिमान ईश्वर से पंजाब में मौजूदा अशांति से छुटकारा पाने और शीघ्र शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रार्थना की।’’

उनके पंजाब दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर आप की नजरें टिकी हुयी हैं और राज्य में उसने अपनी इकाई का पुनर्गठन किया है। राज्य में पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीती थी। हाल ही में आप ने अपने दो सांसदों को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया था।

स्वर्ण मंदिर के गर्भ गृह में अरदास के लिए केजरीवाल ने वीआईपी सुविधा का लाभ उठाए बिना, अन्य श्रद्धालुओं के साथ भीतर जाना पसंद किया। इसके बाद उन्होंने अकाल तख्त में भी मत्था टेका।

स्वर्ण मंदिर में प्रवेश से पहले सूचना केन्द्र पर उन्हें सिरोपा से सम्मानित किया गया और सिखों के धार्मिक पुस्तकों का एक सेट भेंट किया गया। हालांकि, उन्होंने मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में अपने आने के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया।

मत्था टेकने के बाद, वह पुलिस की गोलीबारी में मारे गये दो सिखों के परिवार वालों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से कोटकपुरा रवाना हो गये। राज्य के सात गांवों में पिछले दिनों पवित्र ग्रंथ के अपमान की कथित घटनाएं होने के बाद राज्य में अशांति की स्थिति उत्पन्न हो गई। इन घटनाओं के विरोध में सिख प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह राजमार्ग और मुख्य सड़कें अवरुद्ध कीं।

पवित्र ग्रंथ के अपमान की कथित घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें से अधिकांश सिख धर्मस्थलों पर काम करने वाले हैं।

पंजाब पुलिस ने पवित्र ग्रंथ का अपमान किये जाने की कथित घटनाओं के पीछे ‘‘विदेशी हाथ’’ होने का आरोप लगाया है। केन्द्र ने इस मामले में पंजाब सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है।