दिल्ली के मनोनीत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शपथ लेने के पहले ही अपने चुनावी वादे पूरे करने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रियों से मुलाकातों का सिलसिला शुरू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलने के बाद अब वे गुरुवार को प्रधानमंत्री से मिलेंगे।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए जोर दिया कि इससे विभिन्न एजंसियों के बीच उपयुक्त समन्वय तय करने में मदद मिलेगी। इस बैठक के दौरान केजरीवाल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। केजरीवाल ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच रचनात्मक सहयोग की जरूरत को रेखांकित किया और कहा कि दिल्ली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक मतभेद आड़े नहीं आना चाहिए। उन्होने सिंह को 14 फरवरी को रामलीला मैदान में अपने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। आप नेता ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की वकालत की और कहा कि यह आश्वासन भाजपा ने 2013 के चुनावी घोषणापत्र में दिया था।

बाद में सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा-हमने राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया। दिल्ली को अगर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाता है तब कई मुद्दों के लिए रास्ता निकल जाएगा। आप और भाजपा दोनों ने अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था। केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और दिल्ली में आप की सरकार बनने जा रही है, तो इस वादे को पूरा करने के लिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यह दिल्ली के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थिति होगी।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने विभिन्न मुद्दों को सुलझाने के लिए सिंह से पूर्ण सहयोग की मांग की जिसके लिए केंद्र के हस्तक्षेप की जरूरत होगी। गृह मंत्री और दिल्ली सरकार को एक साथ काम करना चाहिए और दोनों के बीच रचनात्मक सहयोग होना चाहिए। बाद में केजरीवाल ने ट्वीट किया कि वेंकैयाजी और राजनाथजी से मिला। दिल्ली सरकार के लिए दो महत्वपूर्ण मंत्रालय। शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया।

यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली पुलिस को प्रदेश सरकार के तहत लाने का मुद्दा भी उठा, सिसोदिया ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने से यह विषय भी सुलझ जाएगा। मालूम हो कि भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का वादा किया था। हालांकि इस बार पेश दृष्टिपत्र में पूर्ण राज्य के मुद्दे का जिक्र नहीं किया गया था।

मनोनीत मुख्यमंत्री ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात की और शहर की अनधिकृत कॉलोनियों और पूर्ण राज्य के दर्जे सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सिसोदिया ने मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि हमने मंत्री के साथ चार बड़े मुद्दों पर चर्चा की। पहला, गरीबों के मुद्दे जैसे उनके लिए मुआवजे पर चर्चा की, हमें उसके लिए केंद्र सरकार की मदद की जरूरत होगी। दूसरे, अनधिकृत कालोनियों के मुद्दे पर चर्चा की जिस पर केंद्र ने हाल में एक प्रस्ताव पारित किया था। अत: इसे आगे ले जाने के लिए एमसीडी, डीडीए और केंद्र से मदद की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि हमने उनसे अधिक स्कूलों, कालेजों, अस्पतालों और पार्किंग के लिए कहा। इसके लिए काफी जमीन की जरूरत होगी। इसलिए हमने डीडीए के पास मौजूद जमीन के लिए आग्रह किया है। अंत में पूर्ण राज्य के दर्जे पर बात की। हमें पूर्ण आश्वासन दिया गया है कि किसी राजनीतिक भेदभाव के बिना हमें उनका सहयोग मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने केजरीवाल और सिसोदिया को उनकी जीत पर बधाई दी और उनके कंधों पर आई जिम्मेदारी के बारे में भी याद दिलाया।

बाद में नायडू ने पत्रकारों से कहा कि आप नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने मुझसे मुलाकात की और कालोनियों को नियमित किए जाने और जमीन संबंधी अन्य मुद्दों पर चर्चा की। मैंने उन्हें जीत पर बधाई दी और उनके कंधों पर आई बड़ी जिम्मेदारी के बारे में याद दिलाया। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र राज्य का सहयोग करने की इच्छा रखता है और लोगों के हितों और विकास के लिए योगदान देना चाहता है, लेकिन सहयोग आपके सहयोग पर निर्भर करेगा। जैसा हमें प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है, हमें एक टीम के रूप में काम करना है, हम नियमों के मुताबिक उनकी मदद करेंगे। अगर आप अच्छा करते हैं, हम अपना पूर्ण सहयोग देंगे। इसमें किसी भी तरह से राजनीति आड़े नहीं आएगी। मालूम हो कि केजरीवाल ने 14 फरवरी को रामलीला मैदान में होने वाले अपने शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भी नायडू को आमंत्रित किया।

नायडू ने कहा कि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया, लेकिन कोलकाता में पहले से मेरा मेरा एक कार्यक्रम है। मुझे निगमायुक्तों की बैठक लेनी है जो एक महीने पहले तय हुई थी, इसलिए मैंने अपनी असमर्थता व्यक्त की, नहीं तो मुझे शपथग्रहण समारोह में शामिल हो कर खुशी होती।

अरविंद केजरीवाल गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें 14 फरवरी को रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए आमंत्रित करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री से समय मांगा था, केजरीवाल सुबह साढ़े दस बजे उनसे मिलेंगे। वे प्रधानमंत्री को 14 फरवरी को होने जा रहे शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित भी करेंगे। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए संपन्न चुनावों में 67 सीटें अपने नाम कर ‘आप’ ने एकतरफा जीत हासिल की है जिसके बाद प्रधानमंत्री ने इस शानदार विजय के लिए केजरीवाल को बधाई दी और राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए केंद्र से पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। बधाई के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए केजरीवाल ने कहा था कि वे दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही उनसे मिलना चाहेंगे।