अपने सभी विकल्प खुले रखते हुए भाजपा ने आज वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के नेतृत्व में दो सदस्यीय दल को जम्मू कश्मीर में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से बात करने और सरकार गठन की संभावना पर विचार करने के लिए भेजने का निर्णय किया है। जेटली के नेतृत्व में यह दल विधानसभा में विधायक दल के नेता के चुनाव का निरीक्षण भी करेगा।
पार्टी की सर्वोच्च निर्णय करने वाली संस्था भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आज यह निर्णय किया गया जिसमें जम्मू कश्मीर और झारखंड के चुनाव परिणामों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
भाजपा संसदीय बोर्ड ने झारखंड और जम्मू कश्मीर में पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए दो-दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए। अरुण जेटली और अरुण सिंह जम्मू कश्मीर के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किये गए जबकि जे पी नड्डा और विनय सहस्रबुद्धि झारखंड के पर्यवेक्षक बनाये गए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और पार्टी महासचिव जे पी नड्डा ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। नड्डा ने कहा कि जेटली और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह जम्मू कश्मीर में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलायेंगे जिसमें नेता को चुना जायेगा।
इसी तरह से जे पी नड्डा और पार्टी उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धि झारखंड में पार्टी विधयक दल के नेता के चुनाव की देखरेख करेंगे। उन्होंने हालांकि इन बैठकों के आयोजन के समय के बारे में कोई संकेत नहीं दिया जो राज्य में पार्टी के नेताओं से विचार विमर्श के अनुरूप आयोजित की जायेगी।
पार्टी सूत्रों ने हालांकि कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षक संबंधित राज्यों का दौरा तीन-चार दिनों में करेंगे और इस वर्ष के अंत तक अगली सरकार बन जायेगी। नड्डा ने कहा, ‘‘ भाजपा संसदीय बोर्ड ने जम्मू कश्मीर और झारखंड में चुनाव परिणामों के बारे में चर्चा की और संतोष व्यक्त किया।’’
जम्मू कश्मीर में ‘खंडित जनादेश’ के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के बारे में अन्य दलों से विचार विमर्श करेंगे, साथ ही यह संकेत भी दिया कि भाजपा सरकार में शामिल होने के लिए भी तैयार है।
गौरतलब है कि 87 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीडीपी को 28 सीटें मिली है जबकि भाजपा को 25 सीट, नेशनल कांफ्रेंस एवं सहयोगियों को 17 तथा कांग्रेस को 12 सीट मिली है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों की जरूरत है।