”इंडियन एक्सप्रेस” की ओर से पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार शाम को रितु सरीन के साथ बातचीत की। रितु पनामा पेपर्स इन्वेस्टिगेशन को लीड कर रही हैं।
सवाल: यह सरकार लगातार विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे की बात करती रही है। ऐसे में पनामा पेपर्स जैसे खुलासे से क्या बात आगे बढ़ेगी?
अरुण जेटली: मेरा मानना है कि 2017 तक यह दुनिया काफी हद तक पारदर्शी हो जाएगी। जी-20 और FAFT (Financial Action Task Force) की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शिता के संबंध में बन रहा वातावरण टैक्स हैवन का फायदा उठाने वालों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने पर मजबूर कर देगा।
सवाल: क्या आपको लगता है कि इसके तार (पनामा पेपर्स के संदर्भ में) बड़ी मात्रा काले धन से जुड़े हैं
अरुण जेटली: मेरा मानना है कि इस प्रकार के खुलासे पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं और हम इसका स्वागत करते हैं। यही कारण है कि हमने बिना वक्त गवाएं एक्शन लिया। मैंने अभी एक समूह का गठन किया है, जो कि इन खुलासों की समीक्षा करेगा। यह कार्य पीएमओ और वित्त मंत्रालय की निगरानी में होगा। इस समूह में कई एजेंसियों के अधिकारी शामिल किए गए हैं। वैसे काले धन की जांच के लिए पहले से एसआईटी गठित है, फिर भी सरकार ने इस कार्य के लिए अलग से कदम उठाया है।
सवाल: HSBC बैक अकाउंट्स की डीटेल्स सामने आने के बाद एनडीए सरकार एक स्कीम लेकर आई थी। अब उसकी मियाद खत्म हो गई है, आपको नहीं लगता है कि अब कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए
अरुण जेटली: सरकार का रुख एकदम साफ है। हमारे लिए कोई पवित्र गाय नहीं है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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