Arun Jaitley Health: ओडिशा के सीएम पटनायक ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के अस्पताल में भर्ती होने को लेकर शनिवार को चिंता जताई और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पटनायक ने ट्वीट किया, ‘‘अरुण जेटली जी के अस्पताल में भर्ती होने के बारे में जानकर चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की प्रार्थना करता हूं।’’ पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने भी जेटली के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
सांस लेने में पेशानी और बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की हालत स्थिर है और इलाज का उनपर असर हो रहा है। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने वेंकैया नायडू के अस्पताल के दौरे के बाद शनिवार को यह जानकारी दी। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का दौरा कर अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी जेटली की सेहत की जानकारी ली।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया, ‘आज सुबह एम्स जा कर डॉक्टरों से श्री अरुण जेटली का हालचाल जाना और उनके परिजनों से बातचीत की। डॉक्टरों ने बताया कि श्री जेटली की स्थिति स्थिर है और उपचार से स्थिति में क्रमश: सुधार हो रहा है। ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली को सांस लेने में परेशानी और बेचैनी की शिकायत होने पर शुक्रवार सुबह एम्स की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि वह ‘हिमोडायनैमिकली स्थिर’ हैं। इस अवस्था में मरीज की हृदयगति और रक्त संचार स्थिर रहता है।
अरुण जेटली ने 1975 में इंदिरा सरकार द्वारा लगाई गए आपातकाल का जमकर विरोध किया था, जिसके बाद उन्हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया था। मालूम हो कि भारत में 21 माह तक आपातकाल लगा था। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था।
अरुण जेटली राजनीति में आने से पहले वकालत के पेशे में भी सक्रिय थे। उनकी गिनती देश के महंगे वकीलों में होती है। वह 1990 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बतौर सीनियर वकील काम करते थे। जेटली ने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क किया था। यह वह समय था जब जेटली की गिनती देश के टॉप दस वकीलों में हुआ करती थी।
जेटली ने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखा था। वह 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। जेटली पांच साल तक भारतीय जनता पार्टी के महासचिव पद पर भी रहे हैं।
अरुण जेटली इलाज के लिए पिछले कुछ महीनों में 2 बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं । 2018 में भी वो करीब तीन महीने के लंबे इलाज के लिए अमेरिका गए थे। जिसके बाद अगस्त में उन्होंने वापस वित्त मंत्री का पदभार संभाला था। हालांकि कुछ महीने बाद उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई और वह दोबारा अमेरिका में इलाज करवाने चले गए थे।
अरुण जेटली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे चुके हैं। उस समय उन्हें कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
जेटली समसामयिक मुद्दों पर सोशल मीडिया के जरिए अपने विचार रखते हैं। वह इसके लिए फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने हाल में आर्टिकल 370 के हटाए जाने पर फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा था कि 'आज जब इतिहास लिखा जा रहा है, कश्मीर को लेकर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच सही थी। प्रधानमंत्री ने अपने दृढ़ निश्चय से इतिहास बना दिया है।'
पेशे से वकील अरुण जेटली से एक टीवी चैनल के शो में जब पूछा गया कि वह सुप्रीम कोर्ट की वकालत छोड़कर राजनीति में क्यों आए? तो उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि मैं कोई पहला व्यक्ति नहीं जो वकालत छोड़कर राजनीति में आया हो। पूर्व में आजादी के आंदोलन से जुड़े बहुत से लोग राजनीति में शामिल हुए और एक राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।'
इसपर पूछा गया कि अगर वह वकालत करते तो पांच साल में ही 300-400 करोड़ कमा लेते? इसके जवाब में जेटली कहा कि, 'मुझे इसका कोई गम नहीं है। मैंने जिस वैकल्पिक जीवन को चुना है। वो सोचकर चुना है। सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहना, पार्टी का एक राष्ट्रीय पदाधिकारी रहना और विपक्ष का नेता रहना। शायद मेरे व्यक्तित्व को निखारने में इनका ज्यादा रोल है।'
जेटली ने इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नई सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। उन्होंने ट्वीटर पर इस पत्र की कॉपी भी साझा की थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को दिल की धड़कन तेज होने और बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार (9 जुलाई, 2019) को दिल्ली के एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जेटली का अभी आईसीयू में इलाज चल रहा है और एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजरें बनाए हुए है।
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पूर्वी वित्त मंत्री अरुण जेटली का सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन हुआ था। लंबे समय से मधुमेह के कारण वजन बढ़ने की समस्या के निदान के लिए उन्होंने यह ऑपरेशन करवाया था। यह ऑपरेशन पहले मैक्स हॉस्पीटल में हुआ था पर बाद में कुछ दिक्कतें आने के कारण उन्हें एम्स स्थानांतरित किया गया था। कुछ साल पहले उनके दिल का भी ऑपरेशन हुआ था।
अरुण जेटली पिछले दो सालों से कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण ही उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट में मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होने की सूचना दी थी। हालांकि, सभी प्रमुख मुद्दों पर जेटली सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते थे।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे हैं। उन्हें सॉफ्ट टिशू कैंसर नाम की बीमारी है। इसके पहले किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। किडनी की बीमारी के साथ ही कैंसर होने से उनकी हालत खराब हो गई है। सॉफ्ट टिशू कैंसर के इलाज के लिए वे इसी साल जनवरी में अमेरिका गए थे।
पिछले साल 14 मई को अरुण जेटली का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे थे।
पेशे से वकील जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेटली ने अपने स्वास्थ्य कारणों से 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। पिछले साल 14 मई को जेटली का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे जेटली का हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे हैं। इनके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव, भाजपा नेता राज्यवर्धन सिहं राठौड़, सुधांशु त्रिवेदी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और योग गुरु बाबा रामदेव भी अस्पताल पहुंचे।
एम्स के डॉक्टरों ने शुक्रवार को बताया कि पूर्व वित्त मंत्री की हालत ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल’ बनी हुई है। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रही है। एम्स ने एक बयान में कहा, अरुण जेटली को शुक्रवार सुबह एम्स में भर्ती कराया गया। फिलहाल वह आईसीयू में हैं जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। फिलहाल उनकी हालत ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल’ बनी हुई है।’’ ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल’ होने का अर्थ है कि मरीज का दिल ठीक तरीके से काम कर रहा है और शरीर में रक्त का संचार सामान्य है।