सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जीडीपी के संबंध में जारी की गई रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के नेताओं द्वारा बीजेपी पर जमकर निशाना साधा जा रहा था। कांग्रेस की तरफ से यह कहा जा रहा था कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था और प्रबंधन सही हाथों में नहीं है। कांग्रेस के इन आरोपों पर अब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है। जेटली ने फेसबुक पोस्ट कर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों के जीडीपी रेट से जुड़े जो आंकड़े वेबसाइट पर डाले गए हैं, उसे अभी तक राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की सलाहकार समिति ने स्वीकृति नहीं दी है। स्वीकृति मिलने के बाद ही ये आंकड़े को आधिकारिक माने जाएंगे।
जेटली ने आगे कहा कि 2003-04 के दौरान ग्लोबर इकॉनमी में जबरदस्त बूम देखा गया था। उन्होंने लिखा, ‘इसका नतीजा यह हुआ कि वैश्विक विकास हुआ। बहुत सी अर्थव्सवस्था उस वक्त अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं और सभी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं ने उच्च विकास दर दिखाना शुरू कर दिया था। ऐसा 2008 तक चला। 2003 से 2008 तक भारत ने उच्च विकास दर के साथ प्रगति की थी और ऐसा होना काफी स्पष्ट था, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार, जो 2004 तक सत्ता में थी, उसने 8 फीसदी ग्रोथ रेट हासिल कर लिया था और इसी रेट पर उसने देश को छोड़ा था। 2004 में जब यूपीए की सरकार सत्ता में आई तो उस वक्त भारत पहले से ही अच्छी खासी ग्रोथ रेट पर था।’
जेटली ने आगे कहा कि एनडीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई भी ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ी। उन्होंने आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1999-2004, इस वक्त एनडीए सत्ता में थी, महंगाई दर 4.1 फीसदी थी। 2004 से 09 तक महंगाई दर 5.8 फीसदी रही, इस वक्त यूपीए सत्ता में थी। 2009 से 14 तक महंगाई दर 10.4 फीसदी रही, इस वक्त भी यूपीए की ही सरकार थी। वहीं 2014 से अभी तक महंगाई दर 4.7 फीसदी पर है, अभी केंद्र में एनडीए की सरकार है। इसके अलावा जेटली ने यूपीए पर यह भी आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल के दौरान बैंक खतरे में थे। उन्होंने बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज के जो आंकड़े पेश किए हैं उनमें दिख रहा है कि 2003 से 04 के बीच बैंक ने 15.3 फीसदी की दर से कर्जा दिया था, वहीं यूपीए के आने के बाद 2004 से 05 के बीच 30.9 फीसदी की दर से बैंकों ने कर्जा दिया।
बता दें कि सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जीडीपी से जुड़े हुए जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनमें यह दिख रहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर यूपीए सरकार के कार्यकाल 2004-05 और 2013-14 के बीच तेजी से बढ़ी। आकंड़ों के मुताबिक भारत की वृद्धि दर सिर्फ एक बार दहाई के अंक तक पहुंच पाई और ये साल था 2006-07 और आर्थिक वृद्धि दर थी 10.08 फीसदी। आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे।