इसके सेवन से आपकी सेहत खतरे में पड़ सकती है। वजन कम करने, चीनी कम खाने और कैलोरी घटाने या चीनी का स्वाद लेने के लिए कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, अब इसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं। एक शोध में दावा किया गया है कि ‘एरिथ्रिटोल’ जैसी लोकप्रिय कृत्रिम मिठास के सेवन से दिल के दौरे और आघात का खतरा बढ़ जाता है।

शोध में कहा गया है कि ऐसे उत्पादों के दीर्घकालिक प्रभावों का पता लगाने के लिए और सुरक्षा अनुसंधान किए जाने चाहिए। क्लीवलैंड क्लीनिक के शोधकर्ताओं ने अमेरिका और यूरोप में 4,000 से अधिक लोगों पर शोध किया और पाया कि उच्च रक्त ‘एरिथ्रिटोल’ स्तर वाले लोगों के लिए दिल के दौरे, आघात या जानलेवा घटनाओं के शिकार होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

उन्होंने पूरे रक्त या पृथक प्लेटलेट्स में ‘एरिथ्रिटोल’ के प्रभावों की भी जांच की। पृथक प्लेटलेट्स कोशिका के टुकड़े होते हैं जो रक्तस्राव को रोकने और रक्त के थक्के बनने में योगदान देते हैं। नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि ‘एरिथ्रिटोल’ प्लेटलेट्स को सक्रिय करने और थक्का जमाने में मदद करता है।

पूर्व-नैदानिक अध्ययनों में ‘एरिथ्रिटोल’ के कारण थक्का जमने की पुष्टि हुई है। दुनिया भर में हजारों खाद्य और पेय पदार्थों में कृत्रिम मिठास मौजूद होती है। हालांकि इनके इस्तेमाल को लेकर विवाद रहा है और फिलहाल यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य एजंसियां इसका पुनर्मूल्यांकन कर रही हैं।

क्या होता है ‘एरिथ्रिटोल’

एरिथ्रिटोल एक शुगर एल्कोहल है, जो कई फलों और सब्जियों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से अंगूर, खरबूजे और नाशपाती जैसे फलों में पाया जाता है। यह मकई या गेहूं के स्टार्च से से व्यावसायिक रूप से भी तैयार किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें लगभग 70 फीसद चीनी की मिठास होती है और इसे शून्य-कैलोरी माना जाता है।

‘एरिथ्रिटोल’ के लाभ भी

विशेषज्ञों की मानें तो कृत्रिम मिठास जैसे एस्पार्टेम और सैकरीन की तुलना में एरिथ्रिटोल के कई लाभ हैं। यह स्वाद में कड़वा नहीं होता है। यह मधुमेह वाले लोगों के लिए भी सुरक्षित है क्योंकि यह शरीर द्वारा चयापचय नहीं किया जाता है और इंसुलिन या रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करता है। मगर हालिया शोध से इसके सेवन से भी खतरा बढ़ गया है।