पहले कंप्यूटर लोगों तक पहुंचा और फिर इंटरनेट सभी के लिए सुलभ हो गया। जाहिर तौर पर इससे मैनुअल वर्क काफी कम हो गया। लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिक ने जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आविष्कार किया तो चीजें बहुत ज्यादा बदल गईं। कुछ चीजें अनुकूल रहीं तो कुछ काफी प्रतिकूल चीजें सामने आईं। हाल फिलहाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुविधा के साथ एक बड़ी चिंता का विषय भी बन गया है।

अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी की सोच का परिणाम है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब-डिवीजन है। इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। एआई ऐसे उपकरणों का निर्माण करता है जो मैनुअल काम को कम कर सकें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी हैं। जॉन मैकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। अक्टूबर 2011 में उनका निधन हो गया था। लेकिन उनका आविष्कार आज इंटरनेट पर धमाल मचा रहा है।

तेजी से अपनी शक्ल बदलती जा रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीन प्रकार के होते हैं। पहला Weak AI, दूसरा Strong AI और तीसरा Super AI है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी एडवांस टेक्नोलॉजी है जिसके जरिये सिस्टम को सीखने और समझने की क्षमता प्रदान की जाती है। इसकी मदद से कंप्यूटर की मेमोरी इतनी अपग्रेड हो जाती है कि कंप्यूटर भी इंसानों की तरह सोचने, समझने और काम करने लगता है। यह प्रयोग मुख्यत कंप्यूटर सिस्टम के साथ ही किया जाता है। एआई का फ्यूचर बेहद एक्साइटिंग है। एआई की टेक्नोलॉजी में हमेशा से डेवलपमेंट होती रही है।

आजकल एआई के एडवांस एल्गोरिथम और डीप लर्निंग मॉडल्स बहुत तेजी से डेवलप हो रहे हैं। ऐसे मॉडल्स और एल्गोरिथम का इस्तेमाल बहुत से काम जैसे कि सेल्फ ड्राइविंग कार, स्मार्ट होम्स, मेडिकल डायग्नोसिस, स्टॉक मार्केट एनालिसिस जैसी बहुत एआई से जुड़े असंख्य जोखिम हैं जिनसे हम आज अपने जीवन में निपटते हैं।

गलत इस्तेमाल करने पर जुर्माने के साथ हो सकती है तीन साल तक की जेल

मौजूदा दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गलत इस्तेमाल का अंदेशा काफी ज्यादा बढ़ गया है। महाराष्ट्र में हाल ही में महिलाओं की मार्फ तस्वीर सोशल मीडिया पर डालने का मामला सामने आया था। उन्होंने विरोध किया तो आरोपियों ने उनके साथ मारपीट भी की। सोशल मीडिया पर कई ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं जहां आपकी तस्वीर को इसके जरिये दूसरी ही शक्ल दे गई। लेकिन भारतीय कानून में इसके खिलाफ कई प्रावधान हैं जिसके तहत इस तरह का काम करने वाले शख्स को सजा हो सकती है।

मानहानि के तहत भी केस दायर कर सकता है पीड़ित पक्ष

ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के साथ आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाता है। साइबर एक्पर्ट्स के मुताबिक आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत इंटरनेट पर कोई आपत्तिजनक तस्वीर या वीडियो पोस्ट किया जाता है तो तीन साल तक की कैद के साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। शेयर किए वीडियो से जिस शख्स की छवि खराब होती है वो मानहानि का केस भी कर सकता है।